लातूर में घूमने की जगह। Places to visit in Latoor

Shikha Sahu

लातूर महाराष्ट्र में स्थित एक प्राचीन शहर है। ऐसा माना जाता है लातूर को राष्ट्रकूट के शासकों ने ही विकसित किया था। यह शहर रतनापुर और लत्तालुरु के नाम से भी जाना जाता है। घूमने के लिए यह एक खास जगह है, जो इतिहास की पुरानी गुफाओं की कई संरचनाओं से घिरा हुआ है।

लातूर में घूमने की जगह। Places to visit in Latoor


औसा फोर्ट

औसा एक ऐतिहासिक स्थल है, जो लातूर से लगभग 20 कि.मी की दूरी पर स्थित है। इस किले को चुनिंदा मजबूत किलों में गिना जाता था। इसका निर्माण रणनीतिक रूप से भी किया जाता था। अगर आपको इतिहास की बेहतर जानकारी के लिए आप यहां आ सकते हैं।

औसा फोर्ट
औसा फोर्ट

 

वडवल नागनाथ बेट

यह 600 से 700 फीट की ऊंचाई पर स्थित एक प्राकृतिक स्थल दुर्लभ पौधों और आयुर्वेदिक पौधों का घर माना जाता है। लातूर में आप ऐतिहासिक स्थलों के अलावा अन्य खास पर्यटन स्थलों की सैर का प्लान बना सकते हैं। आप आसपास के शानदार कुदरती दृश्यों का भी मज़ा वडवल नागनाथ बेट से ले सकते हैं।

वडवल नागनाथ बेट
वडवल नागनाथ बेट

गंज गोलाई

श्री फैयाजुद्दीन ने गंज गोलाई का डिजाइन तैयार किया था। 1917 में बनाई गई यह एक दो मंजिला संरचना वाली इमारत है, यहां भरी संख्या में श्रद्धालुओं की भीड़ रहती है। गंज गोलाई शहर के बीचों बीच स्थित स्थल है। यहां एक मंदिर भी मौजूद है, जो कि देवी जगदाम्बा को समर्पित है।

गंज गोलाई
गंज गोलाई

खरोसा की गुफाएं

ऐसा कहा जाता हैं कि इन गुफाओं को छठी शताब्दी के आसपास बनाया गया था। इन गुफाओं में नरसिंह, कार्तिक, शिव-पार्वती और रावण की मूर्तियां भी देखने को मिलती है। लातूर शहर से लगभग 45 कि.मी की दूरी पर स्थित यहां 12 गुफाओं का समूह है। इसे देखने के लिए लोग दूर दूर से आते है।

खरोसा की गुफाएं
खरोसा की गुफाएं

निलंगा मंदिर

इस मंदिर में प्राचीन शिवलिंग स्थापित है, इसका संबंध 12वीं और 13वीं शताब्दी के मध्य से संबंध रखता है। यह मंदिर हेमाडपंथी वास्तुकला शैली में बनाया गया था। जो कि लातूर शहर से लगभग 50 किमी की दूरी पर स्थित है। इसके साथ ही मंदिर के प्रवेश द्वार पर भी बहुत ही आकर्षक नक्काशी और कलाकृतियां देखने को मिलती हैं।

निलंगा मंदिर
निलंगा मंदिर

 

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