झाँसी शहर को आज उस स्थान के रूप में जाना जाता है, जहाँ पर रानी लक्ष्मी बाई, “झाँसी की रानी” रहा करती थीं और राज्य करती थीं, रानी लक्ष्मी बाई की वीरता की कहानीयां आज भी झाँसी की गलियों में गूंजा करता है। उत्तर प्रदेश राज्य के दक्षिण में बेतवा नदी के तट पर झाँसी शहर स्थित है। झाँसी शहर भारतीय इतिहास के सबसे समृद्ध और गोरवपूर्ण शहरों में से एक है, यह भारत की सबसे अच्छी जगहें में से एक है, जो इसे इतिहास के शौकीन पर्यटक स्थल में सबसे अच्छी जगहें में से एक मनी जाती है।
झाँसी में घूमने की जगह। Places to visit in Jhansi
झाँसी फोर्ट
इस किले को 17 वीं शताब्दी में राजा बीर सिंह देव ने बनवाया था। इसके अलावा इस किले के अन्दर भगवान गणेश को समर्पित मंदिर एक मन्दिर बना हुआ है और साथ ही एक म्यूजियम भी स्थित है, जो चंदेला वंश के अवशेषों को दर्शाता है। इस किले के उपरी हिस्से से झाँसी के मनोरम दृश्यों को देखा जा सकता है जो कि इस किले के अन्य आकर्षणों के केन्द्र के रूप में कार्य करता है।

रानी महल झाँसी
झाँसी का रानी महल महारानी लक्ष्मी बाई का निवास स्थान हुआ करता था, और यही कारण यह है कि झाँसी का यह स्थान आकर्षण स्थल में से एक बना हुआ है। रानी महल झाँसी का एक बहुत ही शाही महल है, नेवलकर परिवार के रघुनाथ दिवतीय ने इस किले को बनवाया था। इस महल की वास्तुकला भी काफी ज़्यादा आकर्षित करती है, यह महल छह हॉल के साथ एक दो मंजिल की इमारत है, जिसमें एक प्रसिद्ध दरबार हॉल भी बना हुआ है।

महालक्ष्मी मंदिर झाँसी
धन और सौभाग्य की देवी लक्ष्मी जी को समर्पित यह मंदिर स्थानीय लोगो के साथ साथ देश के बिभिन्न हिस्सों से श्र्धालुयों को भी अपनी ओर आकर्षित करता है। महालक्ष्मी मंदिर झांसी के सबसे प्रतिष्ठित मंदिरों में शामिल है जी कि झाँसी शहर की प्रसिद्ध ताल झील की किनारे पर स्थित है। यह मंदिर एक सुंदर वास्तुकला के साथ जटिल नक्काशी और हिंदू देवी-देवताओं की मूर्तियों से सुशोभित है जो निश्चित ही झाँसी के आकर्षक स्थल केंद्रो में शामिल है।

राजा गंगाधर राव की छतरी झाँसी
राजा गंगाधर राव की छतरी झाँसी का एक महत्त्वपूर्ण ऐतिहासिक स्थलों में से एक है, जो झाँसी में घूमने के लिए सबसे अच्छी जगहें में से एक है। महारानी लक्ष्मीबाई द्वारा अपने पति और झाँसी के राजा गंगाधर राव के निधन के बाद राजा गंगाधर राव की छतरी का निर्माण करवाया था। जो कि उनकी याद और सम्मान में बनवाया था, जो आज भी झाँसी की सांस्कृतिक विरासत रूप में खड़ा हुआ है।

करगुवां जैन मंदिर झाँसी
झाँसी के आकर्षनों ने शामिल करगुवां जैन मंदिर है, जो कि लगभग 700 साल पुराना मंदिर माना जाता है, यह मंदिर जैनों के 23 वें तीर्थंकर पार्श्वनाथ और धर्म प्रचारक को समर्पित है। भगवान पार्श्वनाथ की इस मंदिर में एक विशाल मूर्ति स्थापित है जहाँ पर्यटक और जैन श्रद्धालु यहां आ कर प्रार्थना और ध्यान करते है।

यह जानकारी अपने दोस्तों के साथ जरूर शेयर करे ।