हनुमानगढ़ में घूमने की जगह। Places to visit in Hanumangarh
हनुमानगढ़ का इतिहास कई पर्यटन आकर्षणों के लिए भी जाना जाता है। यह राजस्थान का एक प्रमुख कस्बा है जो पहले भटनेर के नाम से जाना जाता था। यहां की एक खास बात यह है कि जिस दिन मंगलवार था उसी दिन बीकानेर के राजा ने विजय हासिल की थी। और यही कारण है कि यहाँ स्थित हनुमान जी की एक मूर्ति के नाम पर इसका नाम हनुमानगढ़ रखा।
हनुमानगढ़ में घूमने की जगह। Places to visit in Hanumangarh
भटनेर का किला
यह किला हनुमानगढ़ में ही गग्गर नदी के तट पर स्थित है। और यह किला करीब 1700 वर्ष से भी अधिक पुराना है। जिसे भारत के सबसे पुराने किलों में से एक माना जाता है।

सिला माता (सिला पीर मंदिर)
इस मंदिर में मुसलमान लोग सिला पीर के रूप में पूजा करते हैं। और हिन्दू इस मंदिर में इसे सिला माता के रूप में पूजा करते हैं। यहां पर इसी मान्यता है कि यहां पर जो दूध और जल चढ़ाया जाता है। जो कि सभी तरह के त्वचा से जुड़े विकारों को ठीक करने में सक्षम है। और इसके साथ ही हर गुरुवार के दिन यहां पर एक मेले का भी आयोजन किया जाता है।

कालीबंगन पुरातत्व संग्रहालय
इस संग्रहालय में हड़प्पा की कलाकृतियां भी देखी जाती है। यहां हनुमानगढ़ का एक प्रमुख पर्यटन स्थल है। यह स्थान पुरातत्व में रुचि रखने वाले लोगों के लिए एक बहुत अच्छी जगह है।

ब्राह्मणी माता मंदिर
हनुमानगढ़ शहर से लगभग 100 किमी की दूरी पर स्थित ब्राह्मणी माता मंदिर एक बहुत ही प्रमुख धार्मिक स्थल है। हर साल ब्राह्मणी माता के मंदिर पर मेले का आयोजन किया जाता है। पुराने कल्लोर किले के अवशेषों पर यह मंदिर टिका हुआ है।

धूना श्री गोरख नाथजी का मंदिर
इस मंदिर में भगवान शिव के पूरे परिवार की मूर्ति स्थापित हैं। साथ ही इस मंदिर में श्री भैरूजी की मूर्ति भी विराजमान है। गोरखा नाथ की धूना या चिमनी भी इस धार्मिक स्थल पर देखी जा सकती है। इसके साथ ही इस मंदिर में भगवान शिव के साथ-साथ उनके परिवार के अलावा श्री भैरूजी, देवी काली और श्री गोरख नाथजी की धूना को समर्पित है। ईंटों, चूने, सीमेंट और मोर्टार से बनी इस मंदिर में काली कीलगभग 3 फीट ऊँची मूर्ति है।

कालीबंगन पुरातात्विक स्थल
यहां हुई खुदाई के दौरान मानवों के कंकाल, कुए, स्नानगृह, हड़प्पा की मुहरें, एक किले के अलावा और सड़कों अलावा और भी चीजों का पता चला है। यह साइट प्राचीन सिंधु घाटी सभ्यता में इतिहास का सबसे पुराना लगभग 5000 साल पुराना हिस्सा है। और यहां की सबसे बात यह है कि इस साइट पर 3500 ईसा पूर्व – 2500 ईसा पूर्व से पूर्व-हड़प्पा बस्तियां भी हैं।

माता भद्रकाली का मंदिर
हनुमानगढ़ से लगभग सात किलोमीटर की दूरी पर घग्गर नदी के किनारे पर स्थित एक धार्मिक स्थल माता भद्रकाली का मंदिर है। जो कि हिंदू धर्म का एक प्रमुख ओर पवित्र स्थान माना जाता है। इस मंदिर में माता काली की 2.6 फीट ऊंची निर्मित मूर्ति है। जो कि लाल पत्थर से बनी हुई है। माता भद्रकाली यह मंदिर देवी दुर्गा के कई अवतारों में से एक है।

श्री कबूतार साहिब गुरुद्वारा
हनुमानगढ़ से लगभग 80 किमी की दूरी पर श्री कबूतार साहिब जी का गुरुद्वारा स्थित है। सिखों के दसवें गुरु गुरु गोविंद सिंह और खालसा पंथ के संस्थापक थे।
