गरियाबंद घूमने की जगह। Places to visit in Gariyaband

यहां के ऊंचे-ऊंचे पहाड़ और वादियां गरियाबंद की सुंदरता में चार चांद लगा रहे हैं। यहां के झरने विश्व प्रसिध्द हैं, जिसे देखने के लिए विदेशों से भी लोग पहुंच रहे हैं। प्रकृति की गोद में बसा गरियांबद सिर्फ नेचर के लिए ही नहीं बल्कि धार्मिक स्थल के लिए भी जाना जाता है।

गरियाबंद घूमने की जगह। Places to visit in Gariyaband


 

राजीव लोचन मंदिर

यहाँ पर महानदी, पैरी नदी तथा सोंढुर नदी का संगम होने के कारण यह स्थान छत्तीसगढ़ का त्रिवेणी संगम कहलाता है। गरियाबंद के उत्तर-पूर्व में महानदी के दाहिने किनारे पर स्थित है, जहाँ इसकी पैरी ओर सोंढ़ूर नामक सहायक नदियाँ इससे मिलती है। यहाँ पर महानदी, पैरी नदी तथा सोंढुर नदी का संगम होने के कारण यह स्थान छत्तीसगढ़ का त्रिवेणी संगम कहलाता है।

राजीव लोचन मंदिर
राजीव लोचन मंदिर

 

जतमई मंदिर

मंदिर खूबसूरती से कई छोटे शिखर या टावरों और एक एकल विशाल टॉवर के साथ ग्रेनाइट के बाहर खुदी हुई है। जतमई की पत्थर की मूर्ति गर्भगृह के अंदर रखा गया है। एक छोटा सा जंगल के खूबसूरत स्थलों के बीच सेट, जतमई मंदिर माता जतमई के लिए समर्पित है।

जतमई मंदिर
जतमई मंदिर

घटारानी मंदिर

मंदिर के निकट सुंदर झरना बहती है, जो इस जगह को और अधिक आकर्षक बना देता है झरना इस गंतव्य को पूरे परिवार के लिए एक पसंदीदा पिकनिक स्पॉट बनाने पूर्ण प्रवाह में है। जतमई मंदिर से 25 किलोमीटर दूर स्थित एक बड़ा झरना हैं।

घटारानी मंदिर
घटारानी मंदिर

भूतेश्वरनाथ मंदिर

सुरम्य वनों एवं पहाडियों से घिरे अंचल में प्रकृति प्रदत्त विश्व का सबसे विशाल शिवलिंग विराजमान है। हर साल महाशिवरात्रि और सावन सोमवार को लंबी पैदल यात्रा करके कांवरिए यहां पहुंचते हैं। सुरम्य वनों एवं पहाडियों से घिरे अंचल में प्रकृति प्रदत्त विश्व का सबसे विशाल शिवलिंग विराजमान है। छत्तीसगढ़ के गरियाबंद जिले में स्थित इस शिवलिंग को यहां भूतेश्वरनाथ के नाम से पुकारा जाता है।

 भूतेश्वरनाथ मंदिर
भूतेश्वरनाथ मंदिर

सिकासार जलासय

सिकासार बाँध की लबाई 1540 मी. एवं बाँध मी अधिकतम उंचाई 9.32 मी. है। सिकासार जलाशय जिला मुख्यालय से 50 किमी की दुरी पर स्थित है यहाँ पर सभी मौसम मे पहुच योग्य है।

सिकासार जलासय
सिकासार जलासय