राजस्थान का प्रमुख पर्यटन स्थल है डूंगरपुर। जो अपने सुंदर महलों के कारण जाना जाता है। इस शहर में दो नदियाँ बहती है माही और सोम। जो कि और भी ज्यादा आकर्षित बनाती हैं। इस शहर को इसकी सुंदरता की वजह से जाना जाता है। इसके अलावा यहां की वास्तुकला के लिए भी डूंगरपुर को जाना जाता है। यहां का एक हरे रंग का संगमरमर का पत्थर प्रमुख रूप से जाना जाता है।
डूंगरपुर में घूमने की जगह। Places to visit in Dungarpur
उदय विलास पैलेस
इस महल के समृद्ध डिजाइन को देखकर हर कोई आकर्षित हो सकता है। यह पैलेस डूंगरपुर का प्रमुख आकर्षण है। उदय विलास पैलेस में पारंपरिक राजपूत वास्तुकला, मेहराबों, इसकी बालकनी और खिड़कियों देखने को मिल सकती है। अब इस महल को अब एक होटल में तब्दील कर दिया गया है। इस पैलेस में आप रुक कर भव्य राजस्थानी महल में रहने अवसर प्राप्त कर सकते हैं।

गैबसागर झील
डूंगरपुर के प्रसिद्ध मूर्तिकारों की शानदार शिल्पकारी को दर्शाता है यह मंदिर, जिन्होंने इस मंदिर परिसर में कुछ शानदार मंदिरों को बहुत ही आकर्षक तरीके से है। यहां आकर पर्यटक नाव की सवारी करके अपनी यात्रा को ओर भी सुखद बना सकते हैं। यह प्रमुख पर्यटन स्थलों में शामिल है। जिसे महाराजा गोपीनाथ ने निर्मित किया है।

जूना महल
राजस्थान के प्रमुख ऐतिहासिक स्थानों में से एक है
जूना महल। इस महल में नीले रंग वके पारेवा पत्थर का उपयोग किया गया है जिससे मेहराबों, खिड़कियों और खंभों को सजाने के लिए उपयोग किया गया है। जूना महल में एक बहुत ही आकर्षक संरचना है,जो टॉवरज, वॉच, मज्जा गलियारों और किलेबंदी से भरा हुआ है। इस संरचना को बनाने के लिए जूना महल का इस्तेमाल किया गया है जिसे दुनिया में अद्वितीय माना जाता है।

भुवनेश्वर
भुवनेश्वर डूंगरपुर से कुछ किलोमीटर की दूरी पर ही स्थित है, ओर इस जगह की यात्रा एक बार आपको जरुर करनी चाहिए। भुवनेश्वर यहां आध्यात्मिक अजूबों में से एक है। साथ ही यहां पर रंगपंचमी के साथ एक वार्षिक उत्सव में गेअर डांस भी देखा जा सकता है, जो भुवनेश्वर का एक बहुत ही प्रमुख आकर्षण का केंद्र है। इसके साथ ही पहाड़ी के ऊपर ही यहां शिव मंदिर स्थित है जो सुरम्य घाटियों से चारो ओर से घिरा हुआ है। पहाड़ी चोटी अपने आध्यात्मिक यात्रियों के लिए कई प्राचीन मठ भी प्रदान करती है।

देव सोमनाथ मंदिर
देव सोमनाथ मंदिर डुंगरपुर से 24 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है जो कि भगवान शिव का एक बहुत ही सुंदर मंदिर है। देव सोमनाथ मंदिर सोम नदी के तट पर स्थित है और इस मंदिर को 12 वीं शताब्दी में निर्मित किया गया था। इसका प्रवेश द्वार दो मंजिला हैं। गर्भगृह में एक ऊंचा गुंबद है। इसके सामने सभा मंडप है जिसे 8 राजसी स्तंभों पर बनाया गया है।

बेणेश्वर मंदिर
यह शिवलिंग 5 फीट ऊँचा है। और यह मंदिर सोम और माही नदियों के संगम पर बनने वाले डेल्टा पर स्थित है। यह मंदिर भगवान शिव जी को समर्पित है।
बेणेश्वर मंदिर के समीप ही 1793 ई में निर्मित विशु मंदिर है जो जनकुंवरी की बेटी हैं।

विजय राजराजेश्वर मंदिर
गैबसागर झील के किनारे यह विजय राजराजेश्वर मंदिर स्थित है। जो कि एक बहुत हीं बेहतरीन वास्तुकला को प्रदर्शित करता है। विजय राजराजेश्वर मंदिर के निर्माण के लिए महारावल विजय सिंह ने आदेश दिया था और यह 1923 में महारावल लक्ष्मण सिंह के शासनकाल में पूरा हुआ था। यह मंदिर भगवान शिव और उनकी पत्नी देवी पार्वती को समर्पित है।
