भारत के मध्य प्रदेश राज्य का एक प्रमुख ज़िला है आगर मालवा। आगर-मालवा ज़िला अपनी लाल मिट्टी के लिये भारत में प्रसिध्द हैं। यह मध्यप्रदेश का 51वाँ ज़िला हैं। आगर की स्थापना राजा आगरीय भील ने 10 वी सदी में की थी।
आगर मालवा घूमने की जगह। Places to visit in Agar Malwa
केवड़ा स्वामी भैरवनाथ मंदिर
यही केवडा के फूलों के बगीचे है। आगर के प्रसिध्द मोतीसागर तालाब के तट पर शासकीय पशु प्रजनन प्रक्षेत्र आगर के पास केवडा स्वामी भैरवनाथ मंदिर है, मान्यता है कि भैरव महाराज बाल रूप में लोगों को परेशान करते थे, यहाँ की मूर्ति अद्वितीय है एवं एक विशाल वृक्ष के तने की ओट में है।

मंशापूर्ण गणपति चिपिया गौशाला
यही मंशापूर्ण श्री गणेशजी का सुन्दर मंदिर पहाड़ी कि तलहटी में बना है। आगर से बड़ोद रोड पर 8 कि.मी. दूर गणेश गोशाला चिपिया है। यही गणेश गोशाला है जिसमे लगभग 1000 गाये है, यहाँ कि मूर्ति अत्यंत प्राचीन है। यह क्षेत्र प्राकृतिक रूप से अत्यंत सुन्दर है।

बैजनाथ महादेव मंदिर
यह भारत का एकमात्र मंदिर है जिसे अंग्रेजो ने बनवाया था। बैजनाथ महादेव मंदिर जिला आगर-मालवा के सुसनेर रोड (उज्जैन-कोटा रोड राष्ट्रिय राजमार्ग 27) पर स्थित है। मंदिर के शिखर की ऊंचाई लगभग 50 फीट है। बैजनाथ महादेव मंदिर जिला आगर-मालवा के प्रमुख पर्यटन और धार्मिक स्थलों में से एक है।

बगलामुखी का मंदिर
द्वापर युगीन यह मंदिर अत्यंत चमत्कारिक है। इस मंदिर में माता बगलामुखी के अतिरिक्त माता लक्ष्मी, कृष्ण, हनुमान, भैरव तथा सरस्वती भी विराजमान हैं। मध्यप्रदेश में तीन मुखों वाली त्रिशक्ति माता बगलामुखी का यह मंदिर आगर जिले की तहसील नलखेड़ा में लखुंदर नदी के किनारे स्थित है। मान्यता यह भी है कि यहाँ की बगलामुखी प्रतिमा स्वयंभू है।

मोतीसागर तालाब
428 बीघा में फैला यह मोतीसागर तालाब आज भी आगर की सुन्दरता के लिए प्रसिध्द है। इस खुदाई के दौरान उसने अपने पुत्र और पुत्रवधु की बलि दी थी, आगर के मोतीसागर तलब की खुदाई सन 1052 में अभयराम बंजारा द्वारा कराई गई थी। प्राचीन काल में यहाँ बंजारा कबीलों का निवास था अभयराम उन्ही का सरदार था।

सोमेश्वर महादेव मंदिर
इस ग्राम के पश्चिम में 1 कि.मी. दूर छोटी कालीसिंध के मध्य में यह प्रसिध्द मंदिर है, मान्यता है अज्ञातवास के दौरान पांडवो ने भगवान सोमेश्वर की स्थापना की थी। इसकी दुरी आगरा से लगभग 25 कि.मी. है।

माँ तुलजा भवानी मंदिर
जिला मुख्यालय आगर से पचेटी माता की दुरी 22 कि.मी. है। प्राचीन समय में यहाँ घने जंगल में यह प्राचीन मूर्तियां विराजित थी, यहाँ नारियल की चटक द्वारा मनोकामना पूर्ण होने का आशीर्वाद मिलता है माताजी के चमत्कारों से लोगों का आना बढता गया और आज यहाँ एक भव्य मंदिर तैयार हो गया है।

चौसठ योगिनी माता मन्दिर
माँ चौसठ योगिनी का प्राचीन मंदिर आगर नगर से नलखेडा मार्ग पर ग्राम सुईगाँव से 1 कि.मी. दूर मुख्य सड़क से उत्तर दिशा में 1 कि.मी. दूर घने जंगल में स्थित है। यहाँ खैर के वृक्ष बहुतायत में है।

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