मध्यप्रदेश का यह जलप्रपात अपने आप में अदभूत है, चारो तरफ से तेज प्रवाह में बहता पानी और चारो तरफ का शांत वातावरण यहां आने वाले पर्यटकों को बहुत ही सुकून देता है। ये नर्मदा नदी पर बना विश्व का पहला ऐसा जलप्रपात है जो नदी मार्बल की चट्टानों के बीच बहती है।
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जबलपुर का भेड़ाघाट अपनी रंगबिरंगी संगमरमरी चट्टानों के लिए काफी प्रसिद्ध है। यहां की सफेद और मटमैले रंग के मार्बल पहले ही इतने खूबसूरत है और जब सूर्य की किरणे इन मार्बल के ऊपर बह रहे पानी के ऊपर पड़ती है, तो जो प्रतिबिंब बनता है वो काफी मनमोहक होता है।
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इससे भी ज्यादा इसकी खुबसूरती तब बढ़ जाती है जब चांदनी रात में आप चांद की किरणों को इसके ऊपर पड़ते हुए देखेंगे। आपको लगेगा जैसे आप किसी सपनो की दुनिया में आ गए हो।
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इसके अलावा यहां का जो धुंआधार स्थल है, वहां के नजारे भी काफी रोमांचक है, यह जलप्रपात जब ऊंची मार्बल की चट्टानों से तेज़ी से नीचे गिरता है तो इसमें से धुआं निकलने लगता है, इसलिए इसका नाम धुंआधार जलप्रपात भी है।
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जब आप इन अदभूत और मनरोम दृश्यों को देख ले तो यहां के नौकाविहार में बोटिंग करने का लुफ्त भी उठा सकते है और फिर चौसठ योगिनी मंदिर में वास्तुकला को निहारते हुए दर्शन भी कर सकते है।
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यहां आप ट्रेन, बस, और फ्लाइट से भी आ सकते है, यहां का नजदीकी एयरपोर्ट दुमना एयरपोर्ट है, जो यहां से लगभग 30 किलोमीटर दूर है। इसके अलावा यहां का नजदीकी रेलवे स्टेशन भी जबलपुर में ही है।
भेड़ाघाट में घूमने के लिए आपको किसी भी प्रकार का शुल्क नहीं देना होता है और इसके खुले रहने का समय सुबह 7 बजे से रात को 10 बजे का है।
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इसके अतिरिक्त भी जबलपुर में घूमने के लिए काफी रोचक और दर्शनीय स्थल है जैसे आप नर्मदा नदी पूजा का आनंद लेने ग्वारी घाट(गौरी घाट) जा सकते है और 70 फीट शिव जी की अदभूत प्रतिमा के दर्शन करने कचनार सिटी भी जा सकते है।