मध्य प्रदेश की भूमि वहां बने अनेकों वास्तुकला के चमत्कारों के लिए जानी जाती है ये तो आप सभी को पता ही होगा। अगर ये खूबसूरत इमारतें झील किनारे बनी हो और साथ में वे चारों और से घिरी हों हरे भरे खूबसूरत बगीचे से तो ऐसी जगह किसे पसंद नहीं होगी !
आज हम आपको एक ऐसी जगह के बारे में बताने जा रहे हैं जहाँ जाकर आप शाही इतिहास के बारे में जानकारी तो ले ही सकते हैं लेकिन साथ में वहां कुछ पल प्राकृतिक खूबसूरती और ऐतिहासिक इमारतों के बीच बिताकर आप कुछ समय के लिए ही सही लेकिन रॉयल लाइफ जीने का आनंद ले सकते हैं।
हम बात कर रहे हैं मध्य प्रदेश के मालवा रीजन में मालवा का स्वर्ग कहे जाने वाले मांडू (माण्डव ) नगर के जहाज़ महल के बारे में। ये महल तो विशाल तालाबों, कपूर तालाब और मुंज तालाब के बीच बना हुआ है जिससे ऊपर से देखने में ये एक बड़े जहाज़ के जैसा प्रतीत होता है। इसीलिए इसे जहाज़ महल के नाम से भी जाना जाता है।
समुद्रतल से करीब 630 मीटर की ऊंचाई पर होने और साथ ही नर्मदा नदी के किनारे बसा मांडू एक छोटे हिल स्टेशन के तौर पर भी जाना जाता है। साथ ही मध्य प्रदेश में मानसून के वक़्त घूमने योग्य स्थानों में माण्डव का नाम सबसे ऊपर रहता है। चारों और हरियाली के बीच बसे ऐतिहासिक मांडू नगर में मौजूद ये जहाज़ महल वास्तव में प्राचीन वास्तुकला का एक बेहतरीन उदारहण है।
अगर आप इतिहास प्रेमी है या फिर प्राचीन वास्तुकला प्रेमी हैं तब तो आपको यहां जाना ही चाहिए लेकिन अगर आप फोटोग्राफी के शौकीन है तो भी ये जगह ऐसी अनेकों शानदार लोकेशंस से भरी हुई है जहाँ आपको ढेरों अद्भुत फोटोज क्लिक कर सकते हैं। साथ ही महल में सीढ़ियां भी है जिनसे आप महल के टॉप पर जा सकते हैं और वहां से चारों और का नज़ारा सच में बेहद अद्भुत दिखाई देता है।
यहाँ जाने का बेस्ट टाइम समय
अगर बात करें यहाँ जाने के बेस्ट सीजन की तो आप यहाँ मानसून में जा सकते हैं जब मांडू को चारों और से हरियाली की चादर ढक लेती है और इस खूबसूरत शहर की सुंदरता कई गुना बढ़ जाती है। फिर भी अगर आप सर्दियों या गर्मियों में भी यहाँ जाते हैं तो भी यहाँ की अनोखी खूबसूरती और ऐतिहासिक विरासत आपको बिलकुल निराश नहीं करेगी।
टिकट और प्रवेश समय
अगर टिकट की बात करें तो 15 वर्ष तक की आयु के लिए कोई टिकट नहीं है और वे बिना किसी टिकट के में इस महल को देख सकते हैं। और 15 वर्ष से ऊपर की आयु वाले भारतीय पर्यटकों के लिए टिकट 25 रुपये का है। और विदेशी नागरिकों के लिए टिकट की कीमत 300 रुपये की है। साथ ही प्रवेश का समय सुबह 8 बजे से शाम 6 बजे तक का रहता है।
मांडू नगर एक पहाड़ी पर स्थित है लेकिन यहाँ आप आराम से अपने वाहन के साथ जा सकते हैं क्योंकि सड़क वगैरह पुरे मांडू में काफी अच्छे से बनी हुई है। साथ ही जहाज़ महल की एंट्री गेट के बाहर ही आपको खाने पीने के लिए काफी रेस्टोरेंट्स वगैरह भी मिल जायेंगे जहां आप नाश्ता या लंच आदि कर सकते हैं।
तो हम यही कहना चाहेंगे कि ये महल वास्तुकला का मास्टरपीस है जिसे देखने आपको जरूर जाना चाहिए। आप यहाँ एक ही स्थान पर स्थापत्य शैली की विभिन्न शैलियों को एक साथ देख सकते हैं।
साथ ही ऐतिहासिक मांडू नगर में और भी कई शानदार पर्यटक स्थल हैं जिनके बारे में हम हमारे आने वाले लेखों में जरूर बताने कि कोशिश करेंगे।
यहाँ कैसे पहुंचे?
मांडू शहर मध्यप्रदेश के इंदौर या फिर उज्जैन शहर से बहुत अच्छे से सड़क मार्ग से जुड़ा हुआ है। इंदौर से ये जगह करीब 95 किलोमीटर दूर है और उज्जैन से इसकी दुरी करीब 150 किलोमीटर है।
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