चार नदियों के बीच ऊंची पहाड़ी पर स्थित, तल से करीब 1376 मीटर की ऊंचाई, चारों तरफ नदियां और दुर्गम क्षेत्र। कुछ ऐसा नजारा है छत्रपती शिवाजी महाराज के शासन में मराठा साम्राज्य की राजधानी रहे राजगढ़ किले की।
महाराष्ट्र राज्य के पुणे जिले में स्थित इस किले को मुरुमदेव के नाम से भी जाना जाता है। यह किला लगभग 26 वर्षों तक छत्रपती शिवाजी महाराज के शासन में मराठा साम्राज्य की राजधानी थी। आज के समय में यह किला एक फेमस टूरिस्ट अट्रैक्शन बना हुआ है।
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यह किला एक महत्वपूर्ण पर्यटन स्थल है और विशेष रूप से मानसून के दौरान यहाँ सबसे अधिक भीड़ होती है। राजगढ ट्रेकर्स के लिए एक आकर्षण है यहां ट्रेकर्स ट्रेकिंग के लिए आना बहुत पसंद करते है।
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यह किला बहुत बड़ा है और एक ही दिन में इसका पर्यटन नहीं किया जा सकता है, पर्यटक किले पर रात भर रुकना पसंद करते हैं। किले के पद्मावती मंदिर में लगभग 50 लोग बैठ सकते हैं। पानी की टंकियों से पूरे वर्ष भर ताजे पानी की व्यवस्था की जाती हैं।
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राजगढ़ किले के आसपास पर्यटन स्थलों पर घूमने के लिए दूर-दूर से पर्यटक आते हैं। राजगढ़ पैलेस का विशाल दृश्य देखकर टूरिस्ट के मन में छत्रपति शिवाजी महाराज की छवि उतर जाती हैं।
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ऐसे में अगर आप भी इस विशाल राजगढ़ फोर्ट घूमने आते है तो आप आसपास के पर्यटन स्थलों को भी देख सकते है, इस लिस्ट में शनिवार वाडा, विसापुर किला, कटराज जैन मंदिर, तानाजिसागर डैम, आगा खान पैलेस, रंजनगांव गणपति मंदिर, पार्वती हिल, राजा दिनकर केलकर संग्रहालय आदि जगह शामिल है।
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अगर आप पुणे के राजगढ़ किले की यात्रा करना चाहते हैं। तो आप यहां मानसून और सर्दी दोनों मौसम में जा सकते हैं। जुलाई से फरवरी तक पुणे का मौसम बहुत ही खुशनुमा रहता है। इसलिए यह समय राजगढ़ किले की यात्रा करने के लिए अच्छा माना जाता हैं।
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राजगढ़ पर चढाई करने के लिए कई रास्ते है लेकिन ज्यादातर लोग राजमार्ग और चोर दरवाजे से ऊपर जाना पसंद करते है। यह पुणे के दक्षिण-पश्चिम में लगभग 60 KM और सह्याद्रि में नासरपुर से लगभग 15 KM की दूरी पर स्थित है।