मानो या ना मानो, इतनी खूबसूरत सी जगह पर ये शानदार वॉटरफॉल राजस्थान में है !

बारिश का सुहाना मौसम चल रहा है और बात करें अगर मानसून 2022 की तो ये मानसून राजस्थान की धोरों की धरती पर बेहद मेहरबान रहा है और अभी जबकि मानसून विदा होने में करीब 20-25 दिन बाकि हैं, राजस्थान में पूरे सीजन की औसत बारिश से कहीं ज्यादा बारिश हो चुकी है। और अगर आपको राजस्थान की रेगिस्तानी राज्य वाली इमेज को बदलना है तो बस एक बार राजस्थान के कुछ छिपे हुए पर्यटन स्थलों को मानसून में देखने के लिए जाइये, हम वादा करते है आपसे की आपकी राजस्थान को लेकर सुखी धरती जैसी कोई सोच नहीं बचेगी

ये वही वक़्त है जब राजस्थान के बहुत से इलाके घनी हरियाली, कल-कल बहती खूबसूरत नदियां , अरावली की पहाड़ियों पर आच्छादित घनी काली घटाएं और कई शानदार झरनों से भर जाते हैं। और आज हम आपको बताने वाले है एक ऐसे ही खूबसूरत झरने के बारे में। जी हाँ हम बात कर रहे हैं राजस्थान के बूंदी इलाके में स्थित भीमलत वॉटरफॉल की जो की घने जंगल की अद्भुत और शानदार लोकेशन पर मौजूद है। तो चलिए देर किस बात की ले चलते हैं आपको हमारी भीमलत वॉटरफॉल की यात्रा पर….

तो हमें 2022 की गर्मियों के समय इस झरने के बारे में पता लगा था और तब ही हमने प्लान बना लिया था हमारी मानसून ट्रिप में इसे शामिल करने का । बूंदी जिला राजस्थान में बारिश के मौसम की खूबसूरती देखने के लिए एकदम परफेक्ट हैं और यहाँ पहुंचकर हमें बिलकुल नहीं लग रहा था की हम राजस्थान में चल रहे हैं फिर वहां से बूंदी-चित्तौडग़ढ़ स्टेट हाईवे पर चलकर बूंदी-भीलवाड़ा बॉर्डर के पास हमें एक बोर्ड दिखाई दिया जिस पर भीमलत महादेव और झरने का रास्ता हाईवे से अंदर की और दिखा रहा था और यही हमें गूगल मैप भी दिखा रहा था।

यहाँ से भीमलत वॉटरफॉल करीब 3 किलोमीटर हैं और रास्ता कच्चा है लेकिन हमने आगे जाने का सोचा और आसानी से पहुँच भी गए। वहां पहुंचकर हमने देखा की आगे एक रेलवे लाइन जा रही हैं और अंडरपास ब्रिज पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हैं तो हमने अपनी कार वही पार्क कर दी।

फिर वहां से पटरी पार करने के बाद करीब 5 मिनट की छोटी सी वॉक करने के बाद हमें बहते पानी की आवाज़ आने लगी जिससे हमारा उत्साह चरम पर पहुँच गया और क्यों न हो, आखिर राजस्थान के सबसे खूबसूरत वॉटरफॉल के इतना पास जो थे हम। यहाँ कुछ दुकाने भी थी जहा आप नाश्ता आदि कर सकते हैं। कुछ आगे चलकर हमें इस खूबसूरत झरने की पहली झलक दिखी और सच में ये हमारी उमीदों से कहीं ज्यादा खूबसूरत था । यहाँ प्रशासन ने रेलिंग आदि की अच्छी व्यवस्था की हुई है।

यहाँ से नीचे की और करीब 100 सीढियाँ उतारकर हम पहुंचे भीमलत महादेव मंदिर पर। कहा जाता हैं की इस प्राचीन मंदिर का संबंध महाभारत काल में पांडवो से भी है और इसीलिए ही इनका नाम भी भीमलत महादेव है। यहाँ दर्शन करने के बाद हम करीब 15-20 सीढिया उठाकर वॉटरफॉल के पास पहुंचे।

और यहाँ से भीमलत झरने का जो नज़ारा हमने देखा उसे देखकर तारीफ के लिए कोई शब्द जुबान पर ही नहीं आ रहे थे, बस यही सोच रहे थे की इतना खूबसूरत वॉटरफॉल जो हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड जैसे राज्यों के कई झरनो से कहीं ज्यादा खूबसूरत है , फिर क्यों ये अभी तक पर्यटकों की नज़रों से छिपा हुआ है

चारों ओर घना जंगल और बीच में करीब 60-70 फ़ीट ऊंचाई से गिरता ये दूधिया झरना, वास्तव में इसे एक अद्भुत पर्यटन स्थल बना रहे थे। हम यहां भीड़ से एकदम दूर झरने के नेचुरल म्यूजिक को सुनकर बस कुछ सुकून भरे पल बिता रहे थे ( जैसा की किसी ने कहा है की इस धरती पर अनगिनत संगीत उपलब्ध है बस उन्हें सुनने वाला होना चाहिए 🙂 ) ओर उन्ही में से कुछ पलों को अपने कैमरे में क़ैद कर रहे थे। हमारी बेटी इहाना भी यहाँ आकर बहुत ख़ुश थी ओर झरने के सामने प्यारा सा डांस कर रही थी ।

इस झरने के दूसरी ओर नदी का बहते पानी में भी आप कुछ खूबसूरत पल बिता सकते हैं बस हम आपको सावधान करेंगे की यहाँ जंगल जानवर जैसे सांप और बन्दर इत्यादि से जरा संभलकर रहें। तो कुल मिलकर अगर आप राजस्थान के चित्तौड़गढ़, भीलवाड़ा या बूंदी जिले के आस पास है तो हम आपको यहाँ जाने का सुझाव जरूर देंगे।

अगर आप ऐसी ही ओर भी छिपी हुई शानदार लोकेशन के बारे में जानना चाहते हैं तो आप नीचे दिए गए लिंक के द्वारा हमारे Youtube चैनल WE and IHANA  पर भी जा सकते हैं।

https://youtube.com/c/WEandIHANA

कैसे पहुंचे भीमलत वाटरफॉल ?

हवाई मार्ग द्वारा:
भीमलत जलप्रपात के निकटतम हवाई अड्डे जयपुर और उदयपुर के हवाई अड्डे हैं और आप टैक्सी या कैब से भीमलत झरने तक आसानी से जा सकते हैं। एक ओर विकल्प के तौर पर आप पहले बस से बूंदी शहर पहुँच सकते हैं और फिर वहां से आप टैक्सी या कैब ले सकते हैं।

सड़क मार्ग द्वारा:
आप पहले बूंदी या कोटा शहर जा सकते हैं जो देश के अन्य मुख्या शहरों के साथ सड़क और रेलवे मार्ग से अच्छी तरह से जुड़ें हुए हैं और फिर वहां से आप भीमलत महादेव मंदिर ओर झरने तक पहुंचने के लिए आसानी से टैक्सी ले सकते हैं। यह बूंदी शहर से लगभग 35 किलोमीटर और कोटा शहर से लगभग 70 किलोमीटर दूर है।

रेल मार्ग द्वारा:
निकटतम रेलवे स्टेशन कोटा रेलवे स्टेशन और बूंदी शहर का स्टेशन है। दोनों ही शहरों के रेलवे स्टेशन भारत के अन्य प्रमुख शहरों से भी अच्छी तरह जुड़े हुए हैं। फिर आप टैक्सी के माध्यम से अपनी भीमलत वॉटरफॉल की यात्रा को पूरी कर सकते हैं।