दुनिया भर से आते है लोग वृंदावन होली खेलने! इन जगहों पर दिखता है स्वर्ग जैसा नजारा
Holi celebration in Vrindavan: होली भारत के सबसे प्रसिद्ध त्योहारों में से एक है, रंगो का यह त्योहार पूरे भारतवर्ष में अलग अलग जगहों पर अलग अलग ढंग से मनाया जाता है। लेकिन वृंदावन और मथुरा की होली पूरे भारतवर्ष में काफी प्रसिद्ध है, यहाँ पर होली भगवान कृष्ण के समय से चली आ रही है।
वृंदावन की होली पूरे विश्व में मशहूर है और मजे की बात तो यह है कि वृंदावन में होली एक दिन का त्यौहार नहीं बल्कि एक सप्ताह से भी अधिक चलता है। ऐसे में होली खेलने के शौकीनों के लिए यह स्थान एक बहुत ही अच्छा विकल्प है।
यदि आपको फूलों, लड्डू, अबीर गुलाल की होली देखनी है, तो इसके लिए वृंदावन से बेहतर स्थान और कोई नहीं है। यहां बांके बिहारी मंदिर जाने वाली गलियों से ही अबीर गुलाल लोग खेलना शुरू कर देते हैं और होली का यह सिलसिला मंदिर परिसर के अंदर तक चलता है।
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भगवान श्री कृष्ण के भक्त यहां अपने आराध्य के दर्शन और उनके साथ होली का पर्व मनाने आते हैं, यदि आप भी इस उत्सव का आनंद लेना चाहते हैं, तो बेहतर होगा कि आप रंगभरी एकादशी के दिन या फिर उसके बाद यहां पहुंचे।
होली के दौरान वृन्दावन की सभी गलियां आपको रंगी हुई नजर आएगी, होली सेलिब्रेट करने के लिए आप बांके बिहारी मंदिर, इस्कॉन टेम्पल, प्रेम मंदिर आदि जगहों पर जा सकते है।
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वृंदावन की होली के साथ-साथ बरसाना और नंदगांव की लट्ठमार होली भी काफी प्रसिद्ध है, जहां महिलाएं अपने पतियों को लट्ठ से मार कर होली खेलती है।
ऐसे में अगर आप लट्ठमार होली का आनंद लेना चाहती हैं तो उसके लिए आपको बरसाना और नंदगांव जाना होगा। यहां जाने के लिए भी आपको पहले मथुरा पहुंचना होगा और फिर आप इन दोनों स्थानों पर लट्ठमार होली का आनंद उठा सकते हैं।
कहते है, कि उस समय भगवान कृष्ण राधा और गोपियों के साथ होली खेला करते थे। जब कृष्ण भगवान ने यशोदा माता से अपने सावले रंग और राधा के गोरे होने का बोला तो माता ने कृष्ण से राधा को रंगने के लिए कहा था।
यहाँ के प्राचीन मंदिरों में जो होली का दृश्य होता है, वो बहुत ही अद्भुत होता है। अगर आप भी होली का आनंद लेना चाहते है, तो आपको एक बार वृंदावन की होली खेलने जरूर जाना चाहिए।