पौड़ी गढ़वाल घूमने की जगह। Places to visit in Pauri Garhwal

Shikha Sahu

यहां बर्फ से ढकी हिमालयी चोटियां, प्राचीन धार्मिक स्थल, नदी-घाटी और वनस्पति भंडार दूर-दराज के सैलानियों को यहां आने पर मजबूत करते हैं। आत्मिक मानसिक शांति के लिए भारत का यह राज्य सबसे खास माना जाता है। उत्तराखंड प्रकृति के द्वारा भारत को मिला एक अनमोल तोहफा है, जिसपर जितना गर्व किया जाए उतना कम है। उत्तराखंड के प्राकृतिक खजानों में ‘पौड़ी’ भी एक नायाब हीरा है, जो अपने आरामदायक अनुभव के लिए जाना जाता है।

पौड़ी गढ़वाल घूमने की जगह। Places to visit in Pauri Garhwal


खिर्सू

खिर्सू पौड़ी से ही जुड़ा हुआ एक खूबसूरत पहाड़ी गांव है, जो शानदार पिकनिक स्पॉट के रूप में जाना जाता है। चारों तरफ फैले ओक के पेड़ इस मार्ग को खूबसूरत बनाने का काम करते हैं। पौड़ी भ्रमण की शुरूआत आप यहां के चुनिंदा खास पर्यटन स्थलों में शामिल खिर्सू से कर सकते हैं।

खिर्सू
खिर्सू

कंडोलिया

यह मंदिर पौड़ी से लैंसडाउन के मार्ग पर स्थित है, जहां रोजाना स्थानीय श्रद्धालुओं का जमावड़ा लगता है। आप यहां आकर पहाड़ी खूबसूरत का आनंद भी ले सकते हैं। पौड़ी से आप प्रसिद्ध धार्मिक स्थल कंडोलिया मंदिर के दर्शन कर सकते हैं। यह मंदिर गढ़वाल की स्थानीय देव कंडोलिया देवी को समर्पित है।

कंडोलिया
कंडोलिया

चौखंभा व्यू प्वाइंट

हिमालय की शानदार पहाड़ियों और बर्फ से ढकी चोटियों को देखने के लिए यह स्थल काफी आदर्श माना जाता है। चौखंभा व्यू प्वाइंट घनी वनस्पतियों के साथ प्रकृति के बेहतरीन दृश्य पेश करने का काम करता है। यह खास स्थल मुख्य शहर पौड़ी से मात्र 5 किमी की दूरी पर स्थित है।

चौखंभा व्यू प्वाइंट
चौखंभा व्यू प्वाइंट

क्यूंकालेश्वर महादेव मंदिर

यह प्राचीन मंदिर यहां के सबसे प्रसिद्ध पवित्र स्थलों में गिना जाता है। यह मंदिर घने जंगल और हिमालय की अद्बुत चोटियों के मध्य बसा है। पौड़ी के नजदीक धार्मिक स्थलों में आप प्राचीन क्यूंकालेश्वर महादेव मंदिर के दर्शन कर सकते हैं। क्यूंकालेश्वर महादेव मंदिर समुद्र तल से लगभग 1800 मीटर की ऊंचाई पर बसा है।

 क्यूंकालेश्वर महादेव मंदिर
क्यूंकालेश्वर महादेव मंदिर

तारा कुंड

यह जलाशय समुद्र तल से लगभग 2250 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। तारा कुंड खूबसूरत हिमालय पहाड़ियों और घने जंगलों के साथ बसा है। उपरोक्त स्थलों के अलावा आप पौड़ी के प्रसिद्ध तारा कुंड की सैर का आनंद ले सकते हैं। इन सब के अलावा आप यहां एडवेंचर के शौकीनों है तो आने के लिए आमंत्रित करता है।

तारा कुंड
तारा कुंड

तारकेश्वर महादेव मंदिर

देवदार और पाइन के घने जंगलों से घिरा यह स्थान उन लोगों के लिए आदर्श स्थान है, यह मंदिर भगवान शिव को समर्पित है। शिवरात्रि के दौरान यहाँ पैर एक विशेष पूजा की जाती है। मंदिर समिति आवास के लिए एक धर्मशाला की सुविधा प्रदान करता है।

 तारकेश्वर महादेव मंदिर
तारकेश्वर महादेव मंदिर

श्री कोटेश्वर महादेव मंदिर

मंदिर में एक शिवलिंग है जो पूर्व में हिमालय पर्वतमाला, पश्चिम में हरिद्वार और दक्षिण में सिद्ध पीठ मेदानपुरी देवी मंदिर से घिरा हुआ है। यह माना जाता है कि श्रावण के पूरे महीने पूरी श्रद्धा और भक्ति के साथ महामृतुन्जय मंत्र का पालन करने वाले बैऔलाद जोड़ों को भगवान का आशीर्वाद प्रदान होता है और उनकी इच्छाएं पूर्ण होती हैं।

श्री कोटेश्वर महादेव मंदिर
श्री कोटेश्वर महादेव मंदिर

 

माँ धारी देवी मंदिर

एक पौराणिक कथन के अनुसार कि एक बार भीषण बाढ़ से एक मंदिर बह गया और धारी देवी की मूर्ति धारो गांव के पास एक चट्टान के रुक गई थी। देवी काली को समर्पित मंदिर यह मंदिर इस क्षेत्र में बहुत पूजनीये है। मंदिर के पास एक प्राचीन गुफा भी मौजूद है। लोगों का मानना है कि यहाँ धारी माता की मूर्ति एक दिन में तीन बार अपना रूप बदलती हैं पहले एक लड़की फिर महिला और अंत में बूढ़ी महिला।

माँ धारी देवी मंदिर
माँ धारी देवी मंदिर

बिनसर महादेव मंदिर

यह मंदिर भगवान हरगौरी, गणेश और महिषासुरमंदिनी के लिए विशेष रूप से प्रसिद्ध है। इस मंदिर को लेकर यह माना जाता है कि यह मंदिर महाराजा पृथ्वी ने अपने पिता बिन्दु की याद में बनवाया था। देव भूमि उत्तराखंड की अलोकिक धरती पर यह मंदिर स्वर्ग से कम नहीं है यहाँ की सुन्दरता मन को मोह लेती है।

बिनसर महादेव मंदिर
बिनसर महादेव मंदिर

माँ ज्वाल्पा देवी मंदिर

यह मंदिर देवी दुर्गा को समर्पित है। माँ ज्वाल्पा देवी का मंदिर पौड़ी-कोटद्वार मोटर सड़क पर पौड़ी से लगभग 33 किमी दूरी पर स्थित है। मंदिर नदी नायर नदी के उत्तरी किनारे पर स्थित है तथा पास का  स्टेशन सतपुली लगभग 17 किमी है।

माँ ज्वाल्पा देवी मंदिर
माँ ज्वाल्पा देवी मंदिर

नागदेव मंदिर

मंदिर के रास्ते में एक वेधशाला स्थापित की गयी है जहां से बन्दर पूँछ, चौखंबा, केदरडोम, गंगोत्री समूह और केदारनाथ आदि जैसे शानदार हिमालय पर्वतमाला के विशाल और रोमांचकारी दृश्य देखे जा सकते हैं। यह मंदिर पौड़ी-बुबाखाल  रोड पाइन और रोडोडेंड्रन के घने जंगल के बीच में स्थित है।

नागदेव मंदिर
नागदेव मंदिर

 

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