मंडला जिला अपनी पवित्र नर्मदा नदी एवं इसकी सहायक बंजर नदी और बुढनेर जैसी बड़ी नदियों से घिरा हुआ है | सतपुड़ा के पठार से लेकर डिंडोरी जिले की मैकल पर्वत श्रेणियों तक मंडला जिला फैला हुआ है। देश पर प्राण न्योछावर करने वाली रानी अवंतिबाई और रानी दुर्गावती जैसी वीरांगनाओं की भूमि रहा है। इस जिले में कई धार्मिक दर्शनीय स्थल, प्राकृतिक और ऐतिहसिक स्थलों से घिरा हुआ है। यहां पर घूमने के लिये कई पर्यटन और दर्शनीय स्थल हैं।
मंडला में घूमने की जगह। Places to visit in Mandla
कान्हा राष्ट्रीय उद्यान
कान्हा राष्ट्रीय उद्यान मंडला का ही नहीं बल्कि विश्व के प्रमुख पर्यटन स्थलों में स एक है। यह राष्ट्रीय उद्यान मंडला से लगभग 70 किलोमीटर दूर विश्व में बाघों के संरक्षण के लिए जाना जाता है | मध्य प्रदेश का सबसे बड़ा राष्ट्रीय उद्यान कान्हा राष्ट्रीय उद्यान है। इस कान्हा पार्क में घूमने के लिए श्रवण ताल, दादर पॉइंट, कान्हा संग्रहालय, लेपसी की कब्र, बम्हनी और घास के बड़े-बड़े मैदान भी प्रमुख हैं।

मोती महल
मोती महल रामनगर के महलों में सबसे प्रमुख महल है। इस महल को राजा का भी महल कहा जाता है। महल में कई छोटे-बड़े कमरे हैं और यह एक तीन मंजिला महल है। महल के आंगन की दीवार में गोंड राजाओं की वंशावली का एक लेख जड़ा हुआ है। इस महल में सुरंगे भी बनाई गई। महल की दीवार से लगा एक हाथी खाना भी है।

रपटा घाट
मंडला का यह मुख्य घाट है जो कि मंडला शहर के बीचो-बीच स्थित है। यहाँ माँ नर्मदा की प्रतिदिन शाम को महा-आरती होती है। इस घाट में मुख्य पुल के दोनों तरफ कई छोटे-बड़े पुराने और नये मंदिर बने हुए हैं यहाँ दिनभर दर्शन करने के लिये लोगों की भीड़ लगी रहती है। इसके साथ ही विशेष अवसरों और त्यौहार में भी ज़्यादातर कार्यक्रम इसी घाट पर होते हैं।

सहस्त्रधारा
यहां पवित्र नर्मदा नदी की धारा कई धाराओं में विभक्त होकर कई छोटे बड़े जलप्रपात बनाती है। यहाँ नर्मदा की धारा बेसाल्ट पत्थरों और काले ग्रेनाईट पत्थरों की चट्टानों के बीच से कल-कल बहती हुई बहुत मनोहारी लगती है। सहस्त्रधारा की चट्टानें लावा द्वारा निर्मित प्रतीत होती हैं। सहस्त्रधारा में शिव जी के दो अति प्राचीन हैं। यहाँ के सुन्दर दृश्य देखने के लिये इस स्थान पर वाच टावर बनाये गए हैं।

गरम पानी कुंड
गरम पानी कुंड मंडला के प्रमुख दर्शनीय पर्यटन स्थल और पिकनिक स्पॉट में से एक है। मंडला शहर से लगभग 18 किलोमीटर दूर ग्राम बबेहा के पास मंडला -जबलपुर मार्ग के पास स्थित यह स्थान पवित्र नर्मदा नदी के किनारे पर स्थित है। ऐसा माना जाता है कि इस स्थान पर परशुराम जी ने तपस्या की थी। एसा माना जाता है की इस कुंड में स्नान करने से सभी प्रकार के चर्म रोग ठीक हो जाते हैं।

राज-राजेस्वारी मंदिर
इस मंदिर का निर्माण गोंड राजाओं ने करवाया था। इस मन्दिर में 18 भुजाओं वाली माता दुर्गा की प्रतिमा है। मंदिर में तीन छोटी-छोटी माडिया बनी हैं | जिनमें माँ नर्मदा ,भगवान विष्णु ,शिवलिंग , सूर्य देव और सहस्त्र बाहू की प्रतिमाएं हैं |राजराजेश्वरी मंदिर के समक्ष व्यास नारायण शिवमंदिर है।

बूढी माई का मंदिर
महाराजपुर में माँ नर्मदा और बंजर नदी के संगम स्थल पर निर्मित है। इस मंदिर के गर्भ-गृह में बूढी माई स्थापित है मंदिर के चारो ओर देवी-देवताओं की प्रतिमाये भी स्थापित हैं। मंदिर से माँ नर्मदा का बहुत ही सुन्दर दृश्य दिखलाई देता है। मंदिर के पास नर्मदा परिक्रमा-वासियों के रुकने के लिये बहुत सी धर्म-शालाएं है।

नक्खी माई मंदिर
यह मंदिर मंडला शहर से 20 किलोमीटर दूर है। बकोरी की पहाड़ी पर यह मंदिर स्थित है। यहां इसी मान्यता है की यहाँ मांगी गई हर मन्नत पूरी होती है।इस स्थान पर चेत्र नवरात्री बड़े धूम-धाम से मनाई जाती है। और यहाँ के जवारे बड़े धूम-धाम से निकाले जाते हैं ।

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