इस शहर को प्राकृतिक सौंदर्यता और इतिहास का एक आदर्श मिश्रण माना जाता है। ऐतिहासिक और प्राकृतिक महत्व के अलावा कोल्हापुर व्यापारिक गतिविधियों के लिए भी जाना जाता है। कोल्हापुर में मध्ययुगीन प्राचीन मंदिरों का खूबसूरत संग्रह मौजूद है, इसलिए यह शहर एक महत्वपूर्ण आध्यात्मिक केंद्र भी है। यहां बनने वाले कोल्हापुरी हार और कोल्हापुरी चप्पलों की भारतीय बाजारों में अच्छी खासी मांग है।
कोल्हापुर में घूमने की जगह। Places to visit in Kolhapur
पन्हाला का किला
यह किला मुख्य शहर से 21 किमी की दूरी पर स्थित है। किले की मजबूत दीवारें आज भी इस किले के इतिहास की तरफ खींचती हैं। इतिहास और कला प्रेमी इन स्थानों पर आकर आनंद और ज्ञान का विस्तार कर सकते हैं। यहां के मुख्य आकर्षणों में किशोर दरवाजा, सजी कोठी के साथ विभिन्न मकबरे शामिल हैं।
छत्रपति शाहू संग्रहालय
यह संग्रहालय महाराजा के महल के रूप में भी जाना जाता है। यह संग्रहालय रॉयल फैमिली के नए निवास के तल पर स्थित है। इस संग्रहालय की वास्तुकला में हिंदू और जैन शैलियों का सामूहिक प्रभाव साफ-साफ झलकता है। छत्रपति शाहू म्यूजियम का निर्माण 1883 के दौरान किया गया था।मराठा इतिहास जानने के लिए यह एक अत्यंत महत्वपूर्ण स्थान है।
रंकाला झील
इस झील को महाराष्ट्र की सबसे प्राचीन झीलों में से एक माना जाता है। ऐतिहासिक स्थलों के अलावा यहां के प्राकृतिक स्थलों की सैर का प्लान बना सकते हैं। सूर्यास्त के दौरान यह झील ज्यादा खूबसूरत नजर आती है। यहां की रंकाला झील प्रसिद्ध पर्यटन स्थल के रूप में जानी जाती है। इस दौरान यहां ज्यादा सैलानियों को देखा जा सकता है।
ज्योतिबा मंदिर
अपनी आकर्षक संरचना के साथ ज्योतिबा मंदिर लगभग 3200 फीट की ऊंचाई पर स्थित है। उपरोक्त स्थानों के अलावा आप कोल्हापुर से 16 किमी की दूरी पर स्थित ज्योतिबा मंदिर के दर्शन का प्लान बना सकते हैं। आध्यात्मिक अनुभव के लिए आप इस मंदिर दर्शन जरूर करें। इस भव्य मंदिर का निर्माण 1700 के दौरान बनाया गया था।
महालक्ष्मी मंदिर
इस मंदिर का निर्माण 7 वीं शताब्दी के दौरान चालुक्य शासनकाल के अंतर्गत करवाया गया था। ज्योतिबा मंदिर के अलावा आप यहां प्रसिद्ध महालक्ष्मी मंदिर के दर्शन के लिए आ सकते हैं। महालक्ष्मी मंदिर राज्य के सबसे चुनिंदा धार्मिक स्थलों में गिना जाता है। वास्तुकला के मामले में इस मंदिर की सरंचना में मिश्रित शैली का इस्तेमाल किया गया है।