जालौर एक ऐसा ऐतिहासिक शहर है जो अपने कई पर्यटन स्थलों के लिए प्रसिद्ध है। अपने कई ऐतिहासिक स्थलों के अलावा यह शहर अपने कई ग्रेनाइट खदानों के लिए प्रसिद्ध है। इसके साथ ही यह राजस्थान का एक प्रमुख धार्मिक स्थल भी है। यहां पर पर्यटक कई आकर्षक मंदिरों के दर्शन कर सकते हैं और इसके अलावा कई प्राकृतिक पर्यटन स्थलों की सैर भी कर सकते हैं।
जालौर में घूमने की जगह। Places to visit in Jalore
जालौर का किला
यह किला 336 मीटर की ऊँचाई पर एक खड़ी पहाड़ी से घिरा हुआ है। यह किला जालोर वाले पर्यटकों को बेहद आकर्षित करता है। जालोर किला इस शहर का मुख्य आकर्षण है। यह किला वास्तुकला का एक प्रभावशाली नमूना है। यह किला परमार शासन के तहत मारू के 9 महलों में से एक था, जिसे सोनगीर या गोल्डन माउंट के नाम से भी जाना जाता था।

नीलकंठ महादेव मंदिर
राजा भोज एक बहुत बड़े संस्कृत के एक विद्वान थे और उन्होंने शिक्षा प्रदान करने के लिए अजमेर और धार में कई समान स्कूल बनाए हैं। आज भले ही इस स्कूल की इमारत काफी अस्त-व्यस्त हो चुकी है लेकिन इसके बाद भी यह आज भी काफी प्रभावशाली है। तोपखाना की पत्थर की नक्काशी पर्यटकों को बेहद आकर्षित करती हैं। टोपेखाना की सबसे संरचना जमीन से 10 फ़ीट ऊपर बना एक कमरा है जहां जाने के लिए सीढ़ी लगाईं गई है।

मलिक शाह की मस्जिद
इस मस्जिद को बगदाद के सेलजुक सुल्तान मलिक शाह को सम्मानित करने के लिए किया गया था। मलिक शाह मस्जिद जालोर किले के प्रमुख स्थलों में से एक है, जिसका निर्माण अला-उद-दीन-खिलजी के शासन द्वारा करवाया गया था। मलिक शाह मस्जिद को अपनी वास्तुकला के लिए जाना जाता है, जो गुजरात में पाए गए भवनों से प्रेरित है।

सराय मंदिर
पौराणिक कथाओं अनुसार कहा जाता है कि पांडवों ने एक बार मंदिर में शरण ली थी। इस मंदिर तक जाने के लिए पर्यटकों को जालौर शहर से होकर गुजरना होगा और मंदिर तक पहुंचने के लिए 3 किलोमीटर की पैदल यात्रा भी करनी होती है। सराय मंदिर जालोर के प्रमुख मंदिरों में से एक है। आपको बता दें कि यह मंदिर जालोर मर कलशचल पहाड़ी पर 646 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। जालोर की यात्रा दौरान सभी पर्यटकों को सराय मंदिर के दर्शन के लिए जरुर जाना चाहिए।

सुंधा माता मंदिर
सुंधा माता मंदिर समुद्र तल से 1220 मीटर की ऊंचाई पर बना है। यह मंदिर एक पवित्र स्थल है जिसमें देवी चामुंडा देवी की मूर्ति है जो सफेद संगमरमर से बनी है। इस मंदिर में ऐतिहासिक मूल्य के कुछ शिलालेख भी हैं। सुंधा माता मंदिर जालोर के प्रमुख मंदिरों में से एक है जो भारी संख्या में पर्यटकों को अपनी तरफ आकर्षित करता है। इस मंदिर में ऐतिहासिक मूल्य के कुछ शिलालेख भी हैं।

जालोर वन्यजीव अभयारण्य
जालोर वन्यजीव अभयारण्य एक दूरस्थ प्राकृतिक जंगल है जो 190 वर्ग किमी के क्षेत्र में फैला है। जालौर वन्यजीव अभयारण्य में आप पैदल यात्रा कर सकते हैं या जीप सफारी की मदद से जंगल को एक्सप्लोर कर सकते हैं। जालोर वन्यजीव अभयारण्य भारत में एकमात्र प्राइवेट अभयारण्य है जो जालोर के प्रमुख पर्यटन स्थलों में से एक है।

नीलकंठ महादेव मंदिर
गांव में प्रवेश करते समय आप इस मंदिर को देख सकते हैं। इस मंदिर के बारे में कहा जाता है कि यहां एक विधवा महिला ने एक शिवलिंग देखा था और इसके बाद वो नियमित रूप से इस शिवलिंग की पूजा करने लगी थी। यह मंदिर बहुत पुराना है और इस मंदिर में बारिश के मौसम और शिवरात्रि के दौरान भक्तों की काफी भीड़ आती है। नीलकंठ महादेव मंदिर जालौर जिले की भाद्राजून तहसील में स्थित है।
