यह जिला प्रदेश की राजधानी भोपाल से 336 किमी की दुरी पर स्थित है। यह चारो तरफ से पहाड़ियों से घिरा हुआ है। इस जिले का सबसे मुख्या और विश्व प्रसिद्ध प्रमुख पर्यटन स्थल खजुराहो है जो कि छतरपुर से लगभग 43 किमी की दुरी पर स्थित है।
छतरपुर में घूमने की जगह। Places to visit in Chhatarpur
महाराजा छत्रसाल संग्राहलय
यह संग्राहलय सितम्बर 1955 छत्रसाल द्वारा बनवाये गए महल में स्थापित किया गया था। यह बुंदेला राजाओ के वस्त्र हतियार और चित्र को प्रदर्शित करता है। वर्त्तमान में इस छत्रसाल संग्राहलय में कुल 8 गैलरी है। और यहाँ जैन चित्रों का भी महत्वपूर्ण संग्रह है।

भीमकुण्ड
भीमकुण्ड एक प्रकृतित जलकुंड एवं एक पवित्र स्थान है। इस कुंड का पानी इतना पारदर्शी और साफ़ है की आप आसानी से पानी में मछली को तैरता हुआ देख सकते है। इस कुंड के बारे में ऐसा कहा जाता है जब भी कोई प्राकृतिक आपदा आती है या कुछ होता है तो इसका जलस्तर स्वयं बढ़ने लगता है। भीमकुण्ड यह एक रहस्यमयी जगह है।

केन घड़ियाल अभ्यारण
यहां पर घड़ियाल को संरक्षित किया गया है। यह अभ्यारण मध्य प्रदेश के रीवा और छतरपुर जिले में स्थित है। आप यहाँ पर घड़ियाल के साथ साथ अन्य जलीय जंतु देख सकते है।

स्नेह जलप्रपात
यह जलप्रपात खजुराहो से लगभग 12 किमी की दुरी पर स्थित है। यह छतरपुर जिले में स्थित एक प्राकृतिक जलप्रपात है। इस की विशेष्ता यह की यह 5 किमी में फैला है जिसमे छोटे बड़े जलप्रपातों की अद्भुत श्रृंखला शामिल है। इस जलप्रपात में पानी रंगीन ग्रेनाइट की चट्टानों से होकर बहता है जो की बहुत ही आकर्षक लगता है।

हनुमान मंदिर
यह शहर के मध्य में स्थित एक लम्बी पहाड़ी पर स्थित है। यह मंदिर छतरपुर जिले में स्थित एक प्रसिद्ध मंदिर है। यहाँ पर मंगलवार तथा शनिवार को मंदिर में भक्तो का अधिक मात्रा में जनसैलाब आता है। यह किशोर तालाब के सामने स्थित है।

खजुराहो
यह स्मारक समूह यूनेस्को विश्व धरोहर में भारत का एक धरोहर क्षेत्र गिना जाता है। यहां अधिकतर मूर्तियाँ नग्न अवस्था में स्थापित है। वर्तमान में इनमें से, केवल 25 मन्दिर ही बचे हैं। यहाँ के मन्दिर जो कि नगारा वास्तुकला से स्थापित किये गए जिसमें ज्यादातर मूर्तियाँ कामुक कला की है।

पन्ना नेशनल पार्क
इसे 1994 में भारत के टाइगर रिज़र्व के रूप में घोषित किया गया था। पन्ना नेशनल पार्क मध्य प्रदेश के छतरपुर और पन्ना जिले में स्थित एक राष्ट्रीय उद्यान है। यहाँ पाए जाने वाले जानवरो में सांबर, बाघ, तेंदुआ, भालू, नीलगाय और चीतल आदि जानवर शामिल है।

गुलगंज किला
यह एक ऐतिहासिक किला है जो की दो मंजिला है। गुलगंज किले से जुड़े लोकगीत, जैसे बिजावर राजवंश के राजा सावंत सिंह ने इसे अपने सुरीली गुलबाई को सौंप दिया था, गुलगंज किला क्षेत्र में बुंदेली वास्तुकला का एक महत्वपूर्ण उदाहरण है। और जिसके बाद इस शहर का नाम गुलगंज पड़ा। गुलगंज किला क्षेत्र में बुंदेली वास्तुकला का एक महत्वपूर्ण उदाहरण है।

गंगऊ बांध
यह सिमरी और केन नदी के संगम पर स्थित है। यह बांध छतरपुर से लगभग 18 किमी की दुरी पर स्थित है। यह एक बहुत अच्छा पिकनिक स्पॉट है। यहाँ पर आप नौका विहार का आनंद ले सकते।

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