रावी नदी (Ravi River) के तट पर बसा चंबा (Chamba) शहर हिमाचल प्रददेश (Himachal Pradesh) के एक प्रमुख पर्यटक स्थलों (Tourist Place) में से एक है, समुद्र तल से 996 मीटर की ऊंचाई पर स्थित यह शहर अपने प्राकृतिक दृश्यों तथा प्राचीन मंदिरों के लिए जाना जाता हैं। चंबा (Chamba) से मात्र कुछ ही किलोमीटर की दूरी पर हिमाचल के कई प्रमुख पर्यटक स्थल जैसे धर्मशाला (Dharmshala), डलहौजी (Dalhousie) और खज्जियार (Khajjiyar) अदि स्थित हैं।
तो आइये हम और आप जानते है हिमाचल प्रदेश के इस चंबा जिले (Chamba District) में मौजूद पर्यटक स्थलों और घूमने की जगहों (Places to Visit in Chamba) के बारे में, ताकि जब भी आप चंबा जाए तो कोई भी खास जगह कहीं आप से छूट न जाए।
चंबा में घूमने की जगह। Places to visit in Chamba
मणिमहेश झील (Manimahesh Lake Chamba)
हिमाचल प्रदेश में कई प्रमुख तीर्थ स्थान मौजूद है जिसमें बुद्धिल घाटी में स्थित मणिमहेश झील उनमें से एक है , यह झील भरमौर से 21 किलोमीटर दूर स्थित है जो कि कैलाश पीक (18,564 फीट) के नीचे 13,000 फीट की ऊंचाई पर स्थित है।
जुलाई-अगस्त के दौरान पवित्र मणिमहेश झील हजारों तीर्थयात्रियों से भर जाता है, यहीं पर सात दिनों तक चलने वाले मेला का आयोजन भी किया जाता है। यह मेला जन्माष्टमी के दिन समाप्त होता है। जिस तिथि को यह उत्सव समाप्त होता है उसी दिन भरमौर के प्रधान पूजारी मणिमहेश डल के लिए यात्रा प्रारंभ करते हैं। मणिमहेश यात्रा चम्बा से शुरू होकर राख, खड़ा मुख इत्यादि स्थानों से होती हुई भरमौर पहुंचती है।
मणिमहेश झील के एक कोने में शिव की एक संगमरमर की छवि है, जो तीर्थयात्रियों द्वारा पूजी जाती हैं। पवित्र जल में स्नान के बाद, तीर्थयात्री झील के परिधि के चारों ओर तीन बार घूमते हैं। झील और उसके आस-पास एक शानदार दृश्य दिखाई देता है, झील के शांत पानी में बर्फ की चोटियों का प्रतिबिंब छाया के रूप में प्रतीत होता है।
मणिमहेश झील हिन्दू श्रद्धालुओं के लिए आस्था का एक बहुत बड़ा केंद्र माना जाता है, मणिमहेश झील का निर्माण पौराणिक मान्यताओं के अनुसार भगवान शिव ने पार्वती माता से विवाह के बाद करवाया था।

भूरी सिंह संग्रहालय चंबा (Bhuri Singh Museum Chamba)
लगभग 110 साल से भी अधिक पुराने इस संग्रहालय का निर्माण साल 1908 में राजा भूरी ने करवाया था, इस संग्रहालय में राजा ने उस वक्त अपने परिवार के निजी चित्रों को लगवाया था। लेकिन अब इस भूरी सिंह संग्रहालय में आपको बसोहली पेंटिंग्स, नक्काशीदार दरवाजे, हथियार,वेशभूषा, भित्ति चित्र, ताम्रपत्र, स्मारक पत्थर, दुर्लभ शारदा लिपि, गुलेर कांगड़ा चित्र आदि का संग्रह देखने को मिलता है।
इस संग्रहालय में शारदा लिपि के कई ऐतिहासिक शिलालेख रखे गए है जिनमें उस काल के इतिहास के बारे में काफी विस्तार पूर्वक जानकारी दी गई है। संग्रहालय में चंबा शासकों के काल की कई कृतियां देखने को मिलती हैं जिन्हे देखकर उस काल के लोगों का कला और सस्ंकृति के प्रति रूझान का पता चलता है।
देखने का समय (Timings)
- यह संग्रहालय पर्यटकों के लिए सुबह 10:00 बजे से लेकर शाम को 5:00 बजे तक खुला रहता है।
प्रवेश शुल्क (Entry Fee)
- भूरी सिंह संग्रहालय में प्रवेश के लिए 20/- प्रवेश शुल्क है।
भूरी सिंह संग्रहालय का गूगल मैप लोकेशन

अखंड चंडी महल चंबा (Akhand Chandi Palace Chamba)
टिबीगोन कला और वास्तुकला को प्रदर्शित करता सफेद रंग की इमारत चंबा पैलेस या अखंड चंडी महल पैलेस हिमचल प्रदेश के चंबा शहर में स्थित है, इसका निर्माण 18 वीं शताब्दी के मध्य में राजा उम्मेद सिंह के शासनकाल के दौरान एक आवासीय भवन के कराया गया था। जिसके बाद इस महल को ब्रिटिश और मुग़लों ने काफी बार पुनर्निर्मित और संशोधित किया।
एक वक्त अखंड चंडी महल से रंग महल, लक्ष्मी नारायण मंदिर, सुई माता मंदिर, बंसी गोपाल मंदिर और चामुंडा देवी मंदिर के बहुत ही सुंदर दृश्य दिखाई देते है, इस महल की शंकु आकार में बनी हुई छत हरे रंग से रंगी हुई हैं जिसका चंबा के स्थानीय घरों में भी प्रभाव देखने को मिलता हैं।
महल की असाधारण वास्तुकला में शानदार तरीके से सजाई गई आर्क स्टाइल वाली खिड़कियां और आंतरिक दीवारों में जटिल लकड़ी और कांच का वर्क है। आलीशान उद्यान और फैंसी फव्वारे से घिरे इस महल को 1958 में हिमाचल सरकार को सौंप दिया गया था और अब इसे एक गवर्नमेंट कॉलेज और एक जिला पुस्तकालय में बदल दिया गया है।
देखने का समय (Timings)
- यह पूरे दिन खुला होता है तो आप दिन के किसी भी समय यहां घूमने के लिए आ सकते है।
प्रवेश शुल्क (Entry Fee)
- यहां का कोई प्रवेश शुल्क नहीं है।

चंपावती मंदिर चंबा (Hampavati Temple Chamba)
राजा साहिल वर्मन चंबा के संस्थापक थे, जिन्होंने 10वीं शताब्दी (920 ईस्वी) में अपनी पुत्री की याद में चंपावती मंदिर को बनवाया था। चंबा के सबसे प्राचीन मंदिरों में से एक चंपावती मंदिर को माना जाता हैं। प्रसिद्धि और वास्तु के मामले में यह मंदिर चंबा के लक्ष्मी नारायण मंदिर के बराबर ही माना जाता है। इस मंदिर के शिखर पर एक बड़ा सा पहिया बना हुआ है जो की इस मंदिर को चंबा के अन्य मंदिरों से अलग और आकर्षक बनाता है। गोल पहिये की वजह से मंदिर का भाग पर्यटकों को अपनी ओर ज्यादा आकर्षित करता है।
दर्शन का समय (Timings)
यह मंदिर पूरे दिन भर खुला रहता है पर्यटक और श्रद्धालु यहां पर दिन के किसी भी समय दर्शन करने के लिए जा सकते है।
प्रवेश शुल्क (Entry Fee)
चंपावती मंदिर में आने का कोई प्रवेश शुल्क नहीं लगता है।

हरिराय मंदिर चंबा (Hariraya Temple Chamba)
11वीं शताब्दी के समय में चंबा में सेंट्रल पार्क के पास स्थित हरिराय मंदिर का निर्माण करवाया गया था। यह एकव्रचीन मंदिर है जो कि भगवान विष्णु को समर्पित है। गृभगृह में भगवान विष्णु विराजमान हैं जिनकी मूर्ति के चार भुजाएँ है साथ ही तीन मुहँ बने हुए है। यह मंदिर एक ऐतिहासिक धार्मिक स्थल होने के साथ साथ प्रसिद्ध और प्राचीन भी है जिसके कारण हरिराय मंदिर में श्रद्धालुओं और तीर्थयात्रियों की भारी भीड़ यहां देखने को मिलती है।
दर्शन का समय (Timings)
इस मंदिर में तीर्थयात्री और श्रद्धालु सुबह 06:30 बजे से लेकर दोपहर के 12:30 बजे तक मंदिर में आ कर दर्शन कर सकते है। और दोपहर के 02:30 बजे से लेकर रात को 08:00 बजे तक भी मंदिर में दर्शन कर सकते है।
प्रवेश शुल्क (Entry Fee)
यहां आने का कोई प्रवेश शुल्क नहीं है, आप यहां दर्शन करने के लिए आ सकते है।

वज्रेश्वरी मंदिर चंबा (Vajreshvari Temple Chamba)
चंबा का यह एक प्राचीन मंदिर है जो कि लगभग 1000 वर्ष से अधिक पुराना है। यहां के लोग वज्रेश्वरी देवी को बिजली की देवी के रूप में पूजते है। इस मंदिर में पार्वती के उग्र रूप में वज्रेश्वरी की पूजा की जाती हैं। इस मंदिर निर्माण में हिमाचल की पारम्परिक वास्तुकला का उपयोग किया गया है। मंदिर निर्माण में बहुत ही जटिल कारीगरी का प्रदर्शन किया गया है।
दर्शन का समय (Timings)
इस मंदिर में आप दिन के किसी भी समय आ सकते है।
प्रवेश शुल्क (Entry Fee)
यहां प्रवेश निःशुल्क है।

सुई माता मंदिर चंबा (Sui Mata Temple Chamba)
चंबा के संस्थापक राजा साहिल वर्मन ने इस मंदिर को बनवाया था। यह एक बहुत ही प्राचीन सुई माता मंदिर है जो कि चंबा के मुख्य शहर से मात्र 1.2 किलोमीटर की दूरी पर स्थित हैं। जो कि शहर के पास में स्थित शाह मदार नाम की छोटी सी पहाड़ी पर स्थित है। चंबा के साहो गांव में बना यह प्राचीन मंदिर राजा साहिल वर्मन की पत्नी रानी सुई देवी के बलिदान के सम्मान में समर्पित करता हुआ दर्शाता है।
दर्शन का समय (Timings)
सुई देवी मंदिर में दर्शन करने के लिए श्रद्धालु और पर्यटक दिन के किसी भी समय जा सकते है।
प्रवेश शुल्क (Entry Fee)
यहां आने का प्रवेश निःशुल्क है।

थाला झरना चंबा (Thala Waterfall Chaba)
भरमौर से मात्र 9 किलोमीटर की दूरी पर स्थित यह बहुत ही खूबसूरत झरना है, जो कि बारह महीने बहता है। इस झरने की सबसे खास बात यह है की यह झरना मॉनसूनी झरना नहीं है बल्कि यह झरना पूरे साल बहता रहता है। इसीलिए पर्यटक इस पूरे साल में कभी भी देखने के लिए आ सकते हैं। नदी के पास में स्थित यह झरना थाला पुल से मात्र 100 मीटर की दूरी पर ही स्थित है।
देखने का समय (Timings)
घूमने के लिए आप यहां दिन के किसी भी समय में आ सकते है।
प्रवेश शुल्क (Entry Fee)
यहां पर प्रवेश निःशुल्क है।

हदसर झरना चंबा (Hadsar Waterfall Chamba)
हदसर शहर का सबसे प्रसिद्ध झरना हदसर झरना कहलाता है। जो कि हिमालय के पहाड़ो से घिरा हुआ एक बेहद सुंदर प्राकृतिक झरना है। चंबा शहर से लगभग 72 किलोमीटर की दूरी पर स्थित हदसर एक छोटासा शहर है। जहां पर अधिकांश पर्यटक अपनी मणिमहेश झील की यात्रा के समय रुकना पसंद करते है।
देखने का समय (Timings)
दिन के किसी भी समय।
प्रवेश शुल्क (Entry Fee)
प्रवेश निःशुल्क।

घूमने का समय (Best time to visit)
चंबा घूमने के लिए आप साल के किसी भी समय में आ सकते है। यदि आप ज्यादा ठंड पसंद नहीं करते है तो आप अप्रैल से लेकर जून महीने में किसी भी समय चंबा घूमने के लिए आ सकते है। इसके अलावा अगर आप चंबा के खूबसूरत नजारे देखना चाहते है तो आप मानसून के समय में भी आ सकते है।
भोजन (Foods)
चंबा में चाइनीज़ फ़ूड और फ़ास्ट फ़ूड आसानी से उपलब्ध है, लेकिन आप यहां का स्थानीय भोजन भी चख सकते है। साथ ही हिमाचली खाने के अलावा भी आप यहाँ का स्थानीय तरीके से बनने वाला चन्ना, राजमा, दही, कढ़ी और चावल का आनंद ले सकते है।
कैसे पहुँचे (How to reach)
हवाई जहाज से (By Flight)
चंबा शहर के सबसे नजदीक का एयरपोर्ट पठानकोट एयरपोर्ट है। जो कि चंबा से लगभग 118 किलोमीटर की दूरी पर पठानकोट एयरपोर्ट स्थित हैं। इसके अलावा चंडीगढ़ एयरपोर्ट और अमृतसर एयरपोर्ट से भी चंबा बड़ी आसानी से पहुँचा जा सकता है।
सड़क मार्ग से (By Road)
आप अपने निजी वाहन से भी चंबा बहुत आसानी से पहुंच सकते है इसके अलावा टैक्सी के द्वारा भी आसानी से चंबा पहुंचा जा सकता है। इसके अलावा चंबा के नजदीकी राज्य जैसे पंजाब, हरियाणा और दिल्ली से हिमाचल रोड ट्रांसपोर्ट कारपोरेशन की बसें नियमित रूप से चलती रहती है।
रेल मार्ग से (By Train)
पठानकोट रेलवे स्टेशन से आप बहुत ही आसानी से चंबा पहुँच सकते है। पठानकोट रेलवे स्टेशन चंबा का सबसे नजदीकी रेलवे स्टेशन है।