यह भारत के छत्तीसगढ़ राज्य का एक ज़िला है। इस जिले का उदघाटन फरवरी 2020 में किया गया। गौरेला इसका मुख्यालय है। इस ज़िले का गठन बिलासपुर ज़िले का विभाजन कर किया गया था।
गौरेला-पेण्ड्रा-मरवाही में घूमने की जगह। Places to visit in Gourella pendra marwahi
शिवघाट मनौरा
यहां महाशिवरात्रि पर बडे़ मेले का आयोजन होता है। विकासखंड मरवाही मुख्यालय से लगभग 3 किमी पर मनौरा ग्राम पंचायत में सोन नदी के तट पर शिवघाट स्थित है। यह स्थान पर्यटन केन्द्र के साथ-साथ पिकनिक के लिये प्रसिद्ध है।

सोनकुण्ड पेण्ड्रा
सोनभद्र नदी का उद्गम क्षेत्र होने के कारण ग्राम सोन बचरवार ‘‘सोनमुड़ा ’’ के नाम से प्रसिद्ध है। इस स्थान पर मां काली का मंदिर, लक्ष्मीनारायण मंदिर, राधा-कृष्ण मंदिर एवं शनिदेव मंदिर श्रद्धालुओं के लिये आकर्षण का केन्द्र है। सोनकुण्ड पेण्ड्रा गौरेला-पेण्ड्रा मार्ग से बिलासपुर मार्ग में लगभग 17 किमी दूरी पर मानस तीर्थ सोनकुण्ड स्थित है।

धनपुर
इस स्थान पर प्राचीन कलाकृति लोगो का आकर्षण का केन्द्र है। पेण्ड्रा- सिवनी मार्ग में लगभग 23 किमी दूरी पर स्थिति मां आदिशक्ति मां दुर्गा का मंदिर स्थापित है। मुख्य रूप से बेनीबाई की प्रतिमा एवं अन्य प्राचीन मूर्तियां है।

झोझा जल प्रपात
यह अगस्त से जनवरी तक लगभग 100 फिट की उचाई से पानी झरने मे गिरता है। विकास खण्ड गौरेला के अंतिम छोर पर मौजूद बस्तीबगरा ग्राम पंचायत के पास लगभग 45 किमी दूरी पर झोझा जल प्रपात आकर्षण का केन्द्र है।

लक्ष्मणधारा
लोग यहां पिकनिक मानने के लिये आते है इस धारा में वर्ष भर पानी रहता है। गौरेला विकास खण्ड के खोडरी ग्राम पंचायत के निकट लगभग 18 किमी दूरी पर लक्ष्मण धारा आकर्षण का केन्द्र है।

जलेश्वर धाम
यह पर प्राचीन भगवान शिव जी का 12वी सदी कलचुरी कालीन मंदिर आकर्षण का प्रमुख केन्द्र है। इस स्थान पर प्राकृतिक कुण्ड स्थिति है जो आकर्षण का केन्द्र है। गौरेला अमरकंटक के रास्ते में लगभग 25 किमी दूरी पर जलेश्वरधाम स्थित है।
