जानिए भारत के इस अनोखे शिव मंदिर के बारे में जहां आँखों के सामने से गायब हो जाता है शिवलिंग

Stambheshwar temple

Unique Shiva Temple: भारत में अनेक प्राचीन शिव मंदिर हैं, इन मंदिरो से कोई ना कोई कहानी भी जुडी होती है। ऐसे में आज हम आपको बताने जा रहें हैं गुजरात के  एक अनोखा शिव मंदिर के बारे में । यह मंदिर गुजरात के सोमनाथ मंदिर के पास है। कहते हैं कि यह अनोखा शिव मंदिर दिन में दो बार आंखों के सामने से गायब हो जाता है। मान्यता ये भी है कि समुद्र के पास स्थित शिव मंदिर का जलाभिषेक खुद से होता है। मंदिर का नाम स्तंभेश्वर महादेव मंदिर है।

इस मंदिर में भगवान महादेव की मूर्ति है। इस मंदिर के पास त्रिलोचन गढ़ किला है, जिसका निर्माण सोमनाथ ज्योतिर्लिंग को सुरक्षित रखने के लिए कराया गया था। यह फोर्ट गुजरात के सौराष्ट्र का एक प्रमुख पर्यटन स्थल है।

 

 

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स्तंभेश्वर महादेव मंदिर

यह मंदिर भारत के सबसे अनोखे मंदिरों में से एक है। यह मंदिर गुजरात की राजधानी गांधीनगर से लगभग 175 किमी दूर जंबूसर के कवि कंबोई गांव में स्थित है। प्राचीन सोमनाथ मंदिर से यह करीब 15 किमी की दूरी पर है। अगर आप सोमनाथ मंदिर के दर्शन के लिए जा रहे हैं तो स्तंभेश्वर महादेव मंदिर भी जा सकते हैं।

मंदिर से जुड़ी है यह मान्यता

इस मंदिर को लेकर शिवपुराण के अनुसार यह मान्यता है की , ताड़कासुर नाम के असुर की तपस्या से खुश होकर भगवान शिव ने उन्हें वरदान दिया कि शिव पुत्र के अलावा उसे कोई मार नहीं सकेगा। पुत्र की आयु 6 दिन की होनी चाहिए। वरदान मिलने के बाद तारकासुर का आतंक बढ़ गया।

तारकासुर का वध करने के लिए श्वेत पर्वत कुंड से 6 दिन के कार्तिकेय का जन्म हुआ। उन्होंने असुर का वध कर दिया लेकिन भक्त की मृत्यु से भगवान शिव दुखी हो गए। इस पर कार्तिकेय ने प्रायश्चित करने के उद्देश्य से जिस स्थान पर असुर का वध किया था वहां शिवलिंग की स्थापना की। इस स्थान का नाम स्तंभेश्वर महादेव मंदिर पड़ा।

क्यों डूबता है मंदिर पानी में

समुद्र के किनारे पर दो बार ज्वार भाटा आता है। जिसके कारण पानी मंदिर के अंदर आकर शिवलिंग का अभिषेक करके लौट जाता है। मंदिर के समुद्र में समा जाने के पीछे भी यही कारण है। मान्यता ये भी है कि यह अनोखा शिव मंदिर सुबह और शाम के समय में कुछ समय के लिए आंखों के सामने से गायब हो जाता है।

 

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कैसे पहुंचे मंदिर

स्तंभेश्वर महादेव मंदिर पहुंचने के लिए आप द्वारका, पोरबंदर और दिवे तक ट्रेन या फ्लाइट से पहुंच सकते हैं। यहां से स्तंभेश्वर महादेव के लिए वाहन सुविधाएं मिल जाएंगी। आप अहमदाबाद या वडोदरा से भी स्तंभेश्वर महादेव मंदिर के लिए बस या ट्रेन बुक कर सकते हैं।

सबसे पहले सोमनाथ पहुंचे, जहां से स्तंभेश्वर महादेव मंदिर के लिए बस या ऑटो रिक्शा आसानी से मिलती है। मंदिर के पास पार्किंग की सुविधा भी है। आप यहां पर अपने निजी वाहन से भी जा सकते हैं।