जानिए महाराष्ट्र में आइलैंड पर बने इस अनोखे किले के बारे में, एक बार देखने का ज़रूर बनाए प्लान

Sindhudurg Fort : भारत में बहुत से क़िले और महल बने है, इनमें हर एक क़िले की अपनी एक ख़ासियत है। कोई अपनी अनोखी बनावट के लिए प्रसिद्ध है, तो कोई इससे जुड़ी कहानियों के लिये। कुछ किलो का इतिहास सालो पुराना है वही कुछ क़िले अपनी अद्भुद कारीगरी के लिए प्रसिद्ध है।
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आज हम आपको एक ऐसे ही ख़ास क़िले के बारे में बताने जा रहे हैं।महाराष्ट्र के सिंधुदुर्ग क़िले के बारे में तो आपने सुना ही होगा।यह ऐतिहासिक क़िला अरब सागर में बना हुआ है। जिसका निर्माण छत्रपति शिवाजी ने सन् 1664 में करवाया था।
क़िले की ख़ास बनावट
यह क़िला अपनी बनावट के लिए दुनिया भर में प्रसिद्ध है। समुंदर पर तैरते हुए इस क़िले की बनावट भी बहुत ख़ास है। इस क़िले को बनाने के लिए लगभग 73,000 किलो सोने का इस्तेमाल किया हुआ था। यह क़िला कोकण तट पर स्थित है।
इस क़िले के दरवाज़ा की बनावट ऐसी है की इसमें से कुछ भी अंदर नहीं जा सकता। क़िले के पास स्थित ऊँचे ऊँचे पहाड़ इस क़िले की ख़ूबसूरती में चार चाँद लगा देते है। इसके कारण यह काफ़ी संख्या में पर्यटक आते है।यहाँ पहुँचने के लिये आपको बोट से पहुँचना पड़ता है। सिंधुगढ़ क़िला 48 एकड़ में फैला हुआ है। इस क़िले के अंदर 30 फुट ऊँची और 12 फुट ऊँची तीन दिवारे हैं।
सुरक्षा बंदोबस्त
सुरक्षा की दृष्टि से यह क़िला बहुत ही ख़ास है । इस क़िले की ऊँची-ऊँची दीवारे समुंदर की लहरों के साथ साथ दुश्मनो से भी रक्षा करती है । क़िले को मज़बूती देने के लिए चार जाकर लोहे के टिलो का इस्तेमाल किया हुआ था ।
क़िले से जुड़ी कुछ दिलचस्प बाते
इस क़िले में 42 टेडी मेढ़ी दिवारे हैं। इस क़िले को बनाने के लिए 3000 मज़दूर और 100 आर्किटेक्ट लगे थे । इसको बनकर पूरा तैयार होने में लगभग 3 साल लगे थे।
क़िले को बनाने का कारण
इस क़िले को बनाने का प्रमुख कारण भारत में बढ़ रहे विदेशी व्यापार को रोकना था। जिसके चलते हीरोज़ी इंदुलकर की देख रेख में इस क़िले का निर्माण करवाया गया था । इस क़िले को खुर्त बेट नाम से भी जाना जाता है ।