मुश्किल है चढ़ाई! मगर ऊपर से दिखता है स्वर्ग सा नजारा! यह है महाराष्ट्र का छुपा हुआ सबसे खूबसूरत किला

Rajmachi Fort: महाराष्ट्र टूरिस्ट के बीच काफी वजहों से लोकप्रिय है, चाहे वह सपनों वाली बम्बई नगरिया हो या फिर प्रकृति के एक से बढ़कर एक नज़ारे। महाराष्ट्र में काफी कुछ है एक्स्प्लोर करने के लिए।
इसी महाराष्ट्र में सैकड़ों किले भी मौजूद है जिसमें से कुछ बेहद खूबसूरत तो कुछ बेहद ही खतरनाक है। ऐसे में आज के इस पोस्ट में एक ऐसे ही किले की बात होगी जो ट्रैकिंग के लिए काफी मशहूर है और यहाँ की चढ़ाई तो खतरनाक है लेकिन नज़ारे अद्भुत है।
जी हां हम बात कर रहे है महाराष्ट्र के राजमाची गांव में स्थित राजमाची किला के बारे में, राजमाची जिसे उधेवाडी के नाम से भी जाना जाता है, सह्याद्रि पर्वत में स्थित एक छोटा सा गाँव है। राजमाची में मुख्य रूप से दो किले हैं, एक श्रीवर्धन किला और दूसरा मनरंजन किला।
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मानसून में अलग ही होता है नजारा
राजमाची किले तक पहुंचने के दो रास्ते हैं। कठिन रास्ता कोंडीवाडे गांव से है जहां आपको लगभग 2000 फीट की चढ़ाई करनी होती है और आसान रास्ता लोनावाला से है जो एक साधारण रास्ता है।
राजमची की असली सुंदरता मानसून के दौरान देखने को मिलती है जब इस जगह को बिल्कुल नया लुक मिलता है। बहता पानी, मोती जैसे झरने और हरी-भरी हरियाली नजर आती है जो आंखों को भाती है।
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जाने किले का इतिहास
राजमाची गांव को उदवाड़ी भी कहा जाता है। पश्चिमी घाट की शानदार पहाडिय़ों में स्थित राजमाची एक ऐतिहासिक किला है। यह शानदार किला सातवाहन राजवंश द्वारा बनवाया गया था जिन्होंने मौर्य साम्राज्य के पतन के तुरंत बाद अपना राज्य स्थापित किया था।
उन्होंने ईसा 230 पूर्व से शांतिपूर्वक भारतीय प्रांत पर शासन किया। यह बोर घाट पर नजर रखने के लिए एक रक्षात्मक किले के रूप में खड़ा था। वर्ष 1657 में छत्रपति शिवाजी महाराज ने आदिल शाह के साथ युद्ध करके इस किले को जीत लिया था।
1818 में मराठा शासन खत्म होते ही इस पर पूरी तरह ब्रिटिशों का कब्जा हो गया। भारत की आजादी के बाद इस किले को प्राचीन विरासत स्थल और महाराष्ट्र में एक संरक्षित स्मारक के रूप में घोषित किया गया। यह ऐतिहासिक किला ट्रैकर्स के बीच बहुत मशहूर है।
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कैसे पहुंचे यहाँ
राजमाची किला मुम्बई से 15 और पुणे से 80 कि.मी. दूर है। सड़क और रेल मार्ग से यहां आसानी से पहुंचा जा सकता है। वायु मार्ग से आने के लिए मुम्बई से यहां आना अधिक सुविधाजनक होता है।