आश्चर्यजनक खूबसूरती से घिरी है Yana Caves, एक बार घूमने का ज़रूर बनाए प्लान

Yana Caves : भारत में बहुत सी अनोखी घूमने की जगह है। जिनमे से एक है याना केव्स, जो की बैंगलोर से 460 किमी दूर है कर्नाटक के कुमता जिले में स्थित याना गांव में स्थित है।
यह गुफा आकर्षक होने के साथ साथ रहस्य्मयी भी है। इस गाँव की संरचना पत्थरों की होने के कारण यह पर्यटकों में बहुत मशहूर है। यहां के पत्थरों का रंग काला है इसलिए इन चट्टानों के चारों ओर जमीन पर कीचड़ भी पूरी तरह से काली है।
याना गुफा की खासियत
याना गुफाओं के आसपास की ख़ूबसूरती देखते ही बनती है। यहां पर पहाड़, झरने सभी एक प्रकार की चट्टानी संरचना से परिपूर्ण है। याना गुफाओं का काले रंग का पत्थर यहां का प्रमुख आकर्षण है।
अगर आप याना घूमने का प्लान बना रहे हैं, तो याना आने का सही समय सितंबर से फरवरी तक है। मॉनसून के दौरान याना घूमने का प्लान नहीं बनाए क्योंकि यहां के जंगलों में आना खतरनाक रहता है और गुफाओं में ट्रैक करना भी काफी मुश्किल होता है।
याना गुफा से जुडी कहानी
पौराणिक कथाओ की माने तो तो याना गुफा की कहानी भगवन शिव और भस्मासुर नामक राक्षस से जुडी है। कहा जाता है की भस्मासुर ने भगवान शिव की कठोर तपस्या करके भगवान शिव से वरदान प्राप्त किया कि मैं जिस पर हाथ रखूं वह भस्मा हो जाए।
भगवान शिव ने उसे तथास्तु कहा भस्मासुर को लगा यह वरदान सच में काम करेगा या नहीं यह देखने के लिए भस्मासुर ने शिवजी के ऊपर हाथ रखने को कहा… और शिव जी वहां से भाग खड़े हुए। विष्णु से मदद मांग कर कुमट के जंगल में आकर छुप गए थे।
इस दौरान जब भस्मासुर भगवान शिव को खोज रहा था तब रास्ते में भस्मासुर नर्तकी मोहिनी मिली और भस्मासुर को मोहिनी बहुत पसंद आ गई। जिसके बाद उसने महीने के सामने विवाह का प्रस्ताव रखा। लेकिन मोहिनी ने एक शर्त रखी कहां कि तुम मेरी तरह नृत्य करके दिखाओ बाद में मैं तुमसे विवाह करूंगी भस्मासुर ने कहा ठीक है। (लेकिन मोहिनी भगवान विष्णु का रूप थी जो भस्मासुर को पता नहीं था)
जैसे-जैसे मोहिनी नृत्य करती थी वैसे वैसे भस्मासुर भी नृत्य क्या करने लगा। थोड़ी देर बाद मोहिनी ने जानबूझकर सिर पर हाथ रखकर नृत्य किया और भस्मासुर ने अपने सिर पर हाथ रख दिया और भस्मासुर वहीं पर ही भस्म हो गया। इसलिए ऐसा मन जाता है की इसी वजह से आज भी भैरवश्वर पहाड़ी और मोहिनी पहाड़ी काले रंग की है।