यूनेस्को वर्ल्ड हेरिटेज साइट्स में शामिल हुआ भारत का यह मंदिर, जानें क्या है इसकी खासियत

Hoysala-temple

UNESCO World Heritage Site:  हाल ही में कर्णाटक के होयसला मंदिर को यूनेस्को वर्ल्ड हेरिटेज साइट्स में में शामिल किया गया हैं। होयसाला मंदिर में चन्नाकेशवा मंदिर, होयसलेश्वर मंदिर और केशव मंदिर शामिल हैं।

12वीं शताब्दी में निर्मित ये मंदिर विश्व धरोहर सूची में शामिल होने वाले भारत के 42वें स्मारक हैं और कर्नाटक की चौथा मॉन्युमेंट है।

अगर आप भी देखना चाहते हैं इन मंदिरों की सुंदरता, तो आइए जानते हैं क्या खासियत है इन मंदिरों की और कैसे पहुंचे यहां।

 

इस मंदिर का निर्माण होयसाला वंश के राज्य में बनाया गया था। होयसाला वंश ने अपने राज्य काल में कई मंदिर और धार्मिक स्थल का निर्माण करवाया था।

होयसाला मंदिर इतने सुंदर हैं कि इनके बारे में कहा जाता है कि पत्थर पर कविता लिखी गई है।

इनका निर्माण द्रविड़ और नगाड़ा स्टाइल मिलाकर हुआ है, लेकिन द्रविड़ स्टाइल की ज्यादा झलक मिलती है। इनकी खूबसूरी वाकई एक उधारण है।

होयसाला मंदिर में शामिल चन्नाकेशवा मंदिर, जो बेलूर में स्थित है, होयसाला मंदिरों में सबसे बड़ा है और यह भगवान विष्णु को समर्पित है।

हालेबीडू का होयसलेश्वर मंदिर भगवान शिव को समर्पित है। केशव मंदिर इन से छोटा है मगर उसकी खूबसूरती देखते ही बनती है।

भारत की यही विशेषता है अलग-अलग देवी और देवताओं की मूर्तियों को इन मंदिरों की दीवारों पर तराशा गया है। इन मंदिरों की एक और खासियत है, ये मंदिर जिग-जैग के आकार में बनी हैं।

आप ऐसे पहुंचे होयसाला मंदिर

यह मंदिर हालेबिडू मैसूर से करीब 150 कि.मी दूर है। मैसूर से यहां पहुंचने में आपको लगभग तीन घंटे का समय लगता है। यहां आप ट्रेन या फ्लाइट से आसानी से पहुंच सकते हैं।

इसके अलावा आप बैंगलुरु से भी यहां आसानी से आ सकते हैं। यहां से होयलेबिडू पहुंचने में आपको लगभग 4 घंटे का समय लगता है।

 

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यहां पर घूमने की जगहे

यहां पर बहुत से दर्शनीय स्थल है। आप यहां पर तीनों मंदिरों के अलावा आप वहां केदारेश्वर मंदिर, गोरूर डैम, बसाडी हल्ली, आर्किओलॉजिकल म्यूजियम, श्रवणबेलागोला जैसी कई अन्य टूरिस्ट स्पॉट्स पर भी जा सकते हैं। केदारेश्वर मंदिर भी होयसाला मंदिर का एक हिस्सा है।

यहां स्थित नंदी की मूर्ति इस मंदिर की सुंदरता में चार चांद लगाती है। श्रवणबेलागोला, दक्षिण भारत का एक प्रमुख जैन तीर्थ स्थल है।

बसाडी हल्ली में तीन बहुत ही प्रसिद्ध जैन मंदिर हैं- पार्श्वनाथ स्वामी मंदिर, आदिनाथ स्वामी मंदिर और शांतिनाथ स्वामी मंदिर। इन प्रमुख स्थानों पर घूमने का आनंद भी आप ले सकते हैं। ऐसे में आप यहां पर आने का प्लान ज़रूर बनाये।