यहां के घने जंगल अब एक मिथक नहीं रह गए है बल्कि यहां आज भी घने जंगल पाएं जाते है जो शिवपुरी के पर्यटन को बढ़ावा देते है। शिवपुरी में घने जंगल है जहां एक समय पर मुगल शासक शिकार खेलने आते थे। शिवपुरी का इतिहास काफी लंबा और पुराना है जो वाकई में बेहद रंगीन है। शिवपुरी में कई महल व किले और मंदिर है। जो पर्यटकों को शिवपुरी की सैर के लिए मजबूर कर देते है।
शिवपुरी में घूमने की जगह। Places to visit in Shivpuri
सख्या सागर झील
यह झील माधव राष्ट्रीय पार्क के पास में ही स्थित है। यह पारिस्थितिकी तंत्र का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है जहां कई वन्यजीव और चिडि़यां व सरीसृप सौहार्दपूर्वक रहते है। सख्या सागर झील और माधव सागर झील को 1918 में मनीय्यर नदी से बनाया गया था।

श्री पछराई तीर्थ
श्री पछराई तीर्थ एक जैन मंदिर है। परछाई गांव एक आकर्षक गांव है जहां कई धर्मो के धार्मिक स्थल मौजूद है। श्री पछराई तीर्थ, भगवान शीतलनाथ को समर्पित है। इस मूर्ति को अलौलिक शक्ति से भरपूर माना जाता है।
सुल्तान गढ़ झरना
यह एक बेहर सुंदर झरना है जो प्रकृति के सारे रंग खुद में समेटे हुए है। और झरने के आसपास के मनोरम दृश्यों को निहार सकते है। झरने से ऊंचाई से गिरता पानी क्रमबद्ध तरीके से नीचे पहुंचता है जो देखने में बेहद सुंदर लगता है और शानदार नजारा पेश करता है। यहां से सूर्यास्त व सूर्योदय का नजारा बेहद खूबूसरत लगता है।

छतरियां
शिवपुरी की छतरियां शाही सिंधिया परिवार से जुड़ी हुई हैं। छतरियां या स्मारक एक खाली कब्र है जो उस व्यक्ति के लिए बनी हुई है जो कहीं न कहीं विद्यमान है। यहां स्थित छतरियां न केवल उनके इतिहास के लिए जानी जाती है बल्कि उनकी कला व स्थापत्य के लिए भी उल्लेखनीय है। इन छतरियों के पास में ही एक बड़ा सा मुगल उद्यान भी स्थित है वहीं दूसरी तरफ एक झील भी स्थित है जो देखने में बेहद सुंदर है और काफी बड़ी भी है।

शिवपुरी जिला संग्रहालय
शिवपुरी का उल्लेख हिंदू धर्म के पुराणों में मिलता है और यह शहर धार्मिक और ऐतिहािसक कारणों से काफी महत्वपूर्ण रहा है। शिवपुरी के इतिहास को संग्रहित करने में सक्षम स्थल है जहां इतिहास के कई अवशेषों को संरक्षित किया गया है। इस संग्रहालय में पेंटिग्स, मूर्तियां और सिक्कों का काफी बड़ा कलेक्शन रखा हुआ है।

माधव राष्ट्रीय पार्क
यह पूरा उद्यान 354 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्रफल में फैला हुआ है और यहां फैली हरी – भरी घास झील के किनारे सुंदर दृश्य प्रदान करती है। वन्यजीव के प्रति उत्साही पर्यटकों के लिए यह उद्यान किसी सपने के साकार होने से कम नहीं है। माना जाता है कि अकबर ने इस जंगल के हाथियों के पूरे झुंड पर कब्जा कर लिया था और उन्हे इस जंगल से अपने हाथियों के अस्तबल तक ले गए थे।

सोन चिरैया पक्षी अभयारण्य
सोन चिरैया पक्षी अभयारण्य में पर्यटक कई प्रकार की चिडियों को देख सकते है। यह करेरा में स्थित है जो शिवपुरी से 20 किमी. दूर बाहरी क्षेत्र में स्थित है। जहां कई पक्षियों की दुर्लभ प्रजातियां पाई जाती है जिनमें से कई तो विलुप्त भी हो चुकी हैं।

नरवार किला
यह एक शानदार अनुस्मारक और क्षेत्र के विस्तार के बारे में उल्लेख करता एक स्थान है जो निरंतर चलने वाले युद्धों के बारे में भी कुछ जानकारी देता हे। नरवार किला, समुद्र स्तर से 500 फीट की ऊंचाई पर स्थित है। यह किला एक शाही किला है जो क्षेत्र के शाही साम्राज्य के बारे में बतलाता है।

महुआ शिव मंदिर
यहां स्थित शिव मंडपिका इनमें से कुछ स्मारकों में से एक है जिसे 7 वीं सदी में आधा बनाया गया था। आज भी यह मंदिर अधूर ही बना खड़ा है। यहां कई भगवानों का चित्रण नक्काशी के माध्यम से भी किया गया है। शिवपुरी के प्रसिद्ध क्षेत्र मधुमति में स्थित है जिसका उल्लेख रन्नौड के शिलालेख में मिलता है।

सिद्देश्वर मंदिर
शिवपुरी में यह मंदिर एक विशेष स्थान रखता है, जो कि भगवान विष्णु को समर्पित है। यहां कई आध्यात्मिक स्थल स्थित है जिनमें से सिद्देश्वर मंदिर एक है। इस मंदिर की वास्तुकला बेहद सुंदर है जहां कई हिंदू धर्म के देवी – देवताओं की मूर्तियां लगी हुई है। मंदिर में भगवान विष्णु, शिव, राम, कृष्ण, पार्वती और लक्ष्मी की रोब वाली प्रेरणादायी मूर्तियां लगी हुई हैं।

शिवपुरी की जानकारी को अपने दोस्तों के साथ भी जरूर शेयर करे ।