ओंगोल एक ऐतिहासिक शहर है जो कि आंध्र प्रदेश में स्थित हैं। यहां पर कई ऐसी खूबसूरत जगहें हैं जहां पर आप अपने दोस्तो और परिवार के साथ वीकेंड पर घूमने के लिए आ सकते हैं। यहां आपको घूमने के लिए कई प्राचीन मंदिर और ऐतिहासिक स्थल देखने को मिल जाएंगे। सालो टकबिस शहर में कई राजवंशों ने राज किया है, जिनमे काकतीय, पल्लव, मौर्य के आंध्र आदि राजवंश शामिल हैं।
ओंगोल में घूमने की जगह। Places to visit in Ongole
चेन्नाकेशवा स्वामी मंदिर
18वीं सदी में बनवाया गया यह मंदिर सबसे प्राचीन मंदिर है। आज ये मंदिर धार्मिक और ऐतिहासिक महत्व रखता है इसीलिए इस मंदिर पर हज़ारों की संख्या में हर साल हिंदू श्रद्धालु आकर दर्शन करते हैं। इस मंदिर की वास्तुकला देखने योग्य तथाअद्भुत है। इसके साथ ही मंदिर के गर्भगृह में मां लक्ष्मी जी की मूर्ति भी स्थापित है। मंदिर में भगवान विष्णु की चेन्नाकेशवा स्वामी के रूप में पूजा की जाती है।

कोठापटनम बीच
ओंगोल से लगभग 15 किमी की दूरी पर स्थित कोठापटनम बीच स्थित है जहां पर आप वीकेंड पर अपने परिवार और दोस्तों के साथ मस्ती करने के लिए आ सकते है जो कि एक बहुत ही बेहतरीन जगह है। साथ ही इस समुद्रतट पर घूमने का अनुभव ही आपको कुछ अलग एहसास दिलाएगा। ये समुद्रतट स्थानीय लोगों के बीच काफी मशहूर हैं। साथ ही यहां का शांत वातावरण और प्रदूषणरहित मौसम में आप यहां पर आकर आराम फरमा सकते हैं।

चंदावरम
ओंगोले के पास चंदावरम एक और ऐतिहासिक स्थल है। ये जगह ना केवल ऐतिहासिक महत्व रखती है बल्कि धार्मिक रूप से भी महत्वपूर्ण मानी जाती है। गुंडलकम्मा नदी के तट पर स्थित ये जगह बौद्ध काल से संबंधित मनी जाती है। साथ ही यहां पर सतवाहन राजवंश का शासन हुआ करता था जब दूसरी शताब्दी थी।

चिराला
ओंगोले से लगभग 55 किमी की दूरी पर स्थित यह एक समुद्र तट है। इस जगह पर आप बहुत आसानी से पहुंच सकते हैं। इसके साथ ही यह स्थान लघु उद्योगों के वजह से भी यहां के स्थानीय लोगों के बीच भी बहुत लोकप्रिय है। और इस वजह से भी हर महीने इस समुद्र तट पर घूमने के लिए हज़ारों पर्यटक आते है। हैंडलूम उद्योग और टेक्सटाइल स्थित होने के कारण चिराला को मिनी बॉम्बे के नाम से जाता है।
साईं बाबा मंदिर
ओंगोल शहर का साईं बाबा मंदिर बहुत ही सुन्दर और लोकप्रिय है। यह मंदिर को हिंदुओं के बीच प्रमुख धार्मिक स्थल के रूप में काफी प्रसिद्ध है। इस मंदिर को 1989 में बनाया गया है और जो तभी से लेकर आज तक ये मंदिर स्थानीय लोगों की आस्था और शरद्धा का केंद्र बना हुआ है। इस मंदिर में आ कर आपको भक्ति और शांति की अनुभूति मिलेगी। इसके साथ ही आपको यहां आ कर मन में सुकून की अनुभूति मिलेगी।
