अमृतसर में घूमने की जगह। Places to visit in Amritsar

Shikha Sahu

भारत के पंजाब राज्य मे पडोसी देश पाकिस्तान की सीमा से लगभग 28 किलोमीटर की दूरी पर अमृतसर शहर स्थित हैं। इसके साथ साथ अमृतसर अपने महमान नबाजी के लिए भी जाना जाता है। जिस से यहां आने वाले पर्यटकों का दिल गद-गद हो जाता हैं। इसके अलावा अमृतसर में घूमने के लिए कई आकर्षण स्थल भी है।

अमृतसर में घूमने की जगह। Places to visit in Amritsar


स्थल स्वर्ण मंदिर अमृतसर

सिख धर्म के सबसे पवित्र मंदिरों मे स्वर्ण मंदिर (Golden Temple) शामिल हैं। साथ ही अमृतसर का स्वर्ण मंदिर संस्कृति, उत्साह, दिव्यता, पवित्रता और धर्म का अनुभव भी करता है। स्वर्ण मंदिर अमृतसर के सबसे आध्यात्मिक स्थानों में से एक पवित्र स्थान है। इसे हरमंदिर साहिब के नाम से भी जाना जाता हैं। स्वर्ण मंदिर का इतिहास बताता हैं कि विध्वंसों के काल से गुजरने के बाद इस मंदिर को सन 1830 में संगमरमर और सोने से महाराजा रणजीत सिंह द्वारा फिर से निर्मित किया था।

स्थल स्वर्ण मंदिर अमृतसर
स्थल स्वर्ण मंदिर अमृतसर

वाघा बॉर्डर अमृतसर

पंजाब के अमृतसर में स्थित बाघा बॉर्डर जो कि लाहौर से 22 किलोमीटर और अमृतसर से 28 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है जो कि भारत और पाकिस्तान की चिन्हित सीमा है और इस सीमा को वाघा बॉर्डर नाम दिया गया हैं। और इस बॉर्डर पर शाम के वक्त कई संख्या में पर्यटक घूमने आते हैं।

लायक जगह वाघा बॉर्डर अमृतसर
लायक जगह वाघा बॉर्डर अमृतसर

जलियांवाला बाग अमृतसर

अमृतसर का जलियावाला बाग लगभग 6. 5 एकड़ भूमि में फैला हुआ एक विशाल क्षेत्र हैं। इसके साथ ही जलियांवाला बाग भारत वर्ष की एक दुखद घटना का भी गवहा बना हुआ हैं। जलियांवाला बाग में हुई घटना में ब्रिटिश शासन काल में बैसाखी पर्व का शांतिपूर्ण जश्न मनाने के लिए इस स्थान पर हजारों की संख्या में इकट्ठा हुए युवा, बच्चे, महिलाओं और बुर्जुगों पर अंधाधुंध गोलियां चलाई गई थी। और यह घटना जनरल डायर के आदेशानुसार हुई थी। जलियांवाला बाग एक सार्वजनिक एतिहासिक उद्यान है।

जलियांवाला बाग अमृतसर
जलियांवाला बाग अमृतसर

दुर्गियाना मंदिर, अमृतसर

दुर्गियाना मंदिर (Shri Durgiana Temple) अमृतसर में स्थित एक प्रमुख हिन्दू मंदिर हैं। इस मंदिर को लक्ष्मी नारायण मंदिर, दुर्गा तीर्थ और शीतला मंदिर के नाम से भी जाना जाता है। मंदिर परिसर में सीता माता और बारा हनुमान जैसे कुछ ऐतिहासिक मंदिर हैं।

देखने में यह मंदिर स्वर्ण मंदिर जैसा ही लगता है, मंदिर में मुख्य देवता देवी दुर्गा हैं, फिर भी, यह भगवान विष्णु और देवी लक्ष्मी को भी समर्पित है।
गोल्डन टेम्पल की तरह से यह मंदिर भी एक जल निकाय के बीच में स्थित है और यहां एक एक घाट भी है जहां तीर्थयात्री डुबकी लगा सकते हैं।

इसका निर्माण मूल रूप से 16वीं शताब्दी के अंत में किया गया था, और वर्ष 1921 में फिर से, इसे गुरु हरसाई मल कपूर द्वारा पुनर्निर्मित किया गया था। मंदिर भक्तों और पर्यटकों के लिए रोजाना लंगर (मुफ्त भोजन) तैयार करता है। यहां दशहरा, जन्माष्टमी, रामनवमी और दिवाली जैसे उत्सव बड़े उत्साह के साथ मनाया जाता है।

गुरु के महल अमृतसर

इस धार्मिक स्थल को अमृतसर के दर्शनीय स्थल गुरुओं के आवास स्थान और गुरु महल ग्रन्थ साहिब रूप में जाना जाने वाला एक धार्मिक स्थान है। और सन 1573 में इस महल की स्थापना की गई थी, जिसे गुरु राम दास जी के द्वारा एक छोटी सी कुटिया के रूप में किया गया था।

गुरु के महल अमृतसर
गुरु के महल अमृतसर

महाराजा रणजीत सिंह संग्रहालय अमृतसर

महाराजा रणजीत सिंह संग्रहालय प्रसिद्ध रामबाग गार्डन से घिरा हुआ एक आकर्षित स्थान है। यह संग्रहालय अमृतसर में देखने वाली जगहों में शामिल समर पैलेस का बदला हुआ रूप हैं। जिसे महाराजा रणजीत सिंह की शाही विरासत वस्तुओं जैसे – शताब्दी पुराने सिक्के, पांडुलिपियों, हथियार और कवच और उत्कृष्ट पेंटिंग को संग्रह करके रखा हुआ हैं।

महाराजा रणजीत सिंह संग्रहालय अमृतसर
महाराजा रणजीत सिंह संग्रहालय अमृतसर

खैर उद्दीन मस्जिद अमृतसर

इस मस्जिद की स्थापना मोहम्मद खैर उद्दीन के द्वारा की गई थी। यह मस्जिद अमृतसर में शामिल हैं। जो घूमने वाली जगह में शामिल एक प्रसिद्ध मस्जिद है। जो अपनी वास्तुकला के लिए लोकप्रिय हैं।

खैर उद्दीन मस्जिद अमृतसर
खैर उद्दीन मस्जिद अमृतसर

पार्टिशन म्यूजियम

फिलहाल एक टाउन हॉल को अमृतसर में खोला गया था। अमृतसर में देखने वाली जगहों में लोकप्रिय है यहां का पार्टिशन म्यूजियम। जो कि लाखों लोगों के अन्य तथ्यों और कहानियों को अपनी ओर ध्यान केन्द्रित करता हैं।

पार्टिशन म्यूजियम
पार्टिशन म्यूजियम

विवेक साहिब गुरुद्वारा अमृतसर

विवेक साहिब सरोवर के किनारे पर स्थित विवेक साहिब जिसे बीबासर साहिब के नाम से भी जाना जाता है जिसका निर्माण महाराजा रनजीत सिंह ने किया था। विवेक साहिब गुरुद्वारा अमृतसर में देखने वाले दर्शनीय स्थलों में लोकप्रिय अपनी ओर आकर्षित करने वाला पर्यटक स्थल है। यह गुरुद्वारा 6 वें सिख गुरु हरगोविंद सिंह के लिए जाना जाता है।

विवेक साहिब गुरुद्वारा अमृतसर
विवेक साहिब गुरुद्वारा अमृतसर

गुरुद्वारा माता कौलन अमृतसर

माता कौलन के नाम से यह गुरुद्वार प्रसिद्ध हैं। जो कि अमृतसर के ऐतिहासिक स्वर्ण मंदिरों में लोकप्रिय है। और यह गुरुद्वारा स्वर्ण मंदिर के पश्चिम में स्थित है। अमृतसर में देखने वाली जगहों में प्रख्यात यहां का दर्शनीय गुरुद्वारा माता कौलन का एक भव्य और पवित्र मंदिर हैं।

गुरुद्वारा माता कौलन अमृतसर
गुरुद्वारा माता कौलन अमृतसर

गुरुद्वारा छेहरटा साहिब अमृतसर

यह गुरुद्वारा अमृतसर से लगभग 7 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। जिसका नाम गुरु अर्जन के उत्तराधिकारी गुरु हर गोबिंद सिंह और गुरु अर्जन द्वारा अपने बेटे के जन्म को चिह्नित करने के लिए खोदे गए एक बड़े कुएं के नाम पर इस गुरुद्वारा का नाम रखा गया हैं।

गुरुद्वारा छेहरटा साहिब अमृतसर
गुरुद्वारा छेहरटा साहिब अमृतसर

गोविंदगढ़ किला, अमृतसर

गोबिंद गढ़ का किला पंजाब के सर्वश्रेष्ठ ऐतिहासिक स्थलों में से एक है, लगभग 40 एकड़ में फैले इस व्यापक किले का इतिहास आज से लगभग 300 साल पुराना है। कहा जाता है बहुत समय पहले, विश्व-विख्यात कोहिनूर हीरा इसी किले के भीतर रखा जाता था।

यह किला मूल रूप से मिट्टी के दुर्ग के रूप में बनाया गया था जो ‘भंगियां दा किला कहलाता था। इसका निर्माण कबीले के स्थानीय सरदार गुर्जर सिंह भंगी ने करवाया था। वह भंगी मिसल का सरदार था, जो उस समय इस इलाके पर राज करता था।

इस किले में बहुत से निर्माणकार्य कराए गए है, सिखों के साम्राज्य के अगुआ महाराजा रणजीत सिंह के शासनकाल में इसमें तोशाखाना व ख़ास महल के अतिरिक्त बुर्ज, ख़ंदक, कुएं तथा हवेलियां बनवाई गईं। इसके अलावा यहां पर अंग्रेज़ों के शासनकाल में कराए गए निर्माणकार्यों के अवशेष भी मिलते हैं। इनमें दरबार हॉल व एंग्लो-सिख बंगला भी है। यहां पर एक घंटी भी विद्यमान है, जो ब्रिटेन के शेफील्ड शहर में बनी हुई है।

Gobindgarh Fort
Gobindgarh Fort
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