उत्तर प्रदेश का पौराणिक और प्राचीन शहर प्रयागराज देश में हिन्दूओं के सबसे महत्वपूर्ण तीर्थ स्थानों में से एक है, जो प्रयाग के नाम से ज्यादा मशहूर है। अपने संगम स्थल के लिए पूरे विश्व में मशहूर प्रयागराज में पवित्र नदी सरस्वती, गंगा और यमुना का मिलन होता है। यह शहर की उत्पत्ति वैदिक काल के बाद की बताई जाती है जो कि भारत का दूसरा सबसे पुराना शहर भी है। इसके साथ ही इलाहाबाद शहर का उल्लेख खास स्थल के रूप में किया जाता है।
इलाहाबाद में घूमने की जगह। Places to visit in Allahabad
त्रिवेणी संगम
भारत की 3 सबसे प्रमुख नदियों से मिलकर बना त्रिवेणी संगम जो सरस्वती, गंगा और यमुना का संगम स्थल है। इस स्थान को दैवीय रूप तीन पवित्र नदियों का मिलन प्रदान करता है। प्रयागराज का सबसे प्रमुख और महत्वपूर्ण स्थल है त्रिवेणी संगम, जिस वजह से इस शहर को पहचाना जाता है। खास बात यह है कि इनके रंग से इन नदियों की पहचान की जाती हैं। इसके साथ ही 12 वर्षों में एक बार आयोजित होने वाला महाकुंभ का मेला भी इसी संगम स्थल पर आयोजित किया जाता हैं। इस संगम स्थल पर कई हज़ार श्रद्धालु पवित्र स्नान करने के लिए यहां आते हैं।

प्रयागराज (इलाहाबाद) का किला
ऐतिहासिक पर्यटन के लिहाज से आप प्रयागराज फोर्ट की सैर का मज़ा ले सकते हैं। क्योंकि प्रयागराज एक ऐतिहासिक शहर है इसलिए आपको यहां अतीत से जुडे़ कई साक्ष्य वर्तमान में भी देखने को मिल जाते है। ऐसा कहा जाता है कि इस किले को महान सम्राट अशोक ने बनवाया था। लेकिन फिर इस किले पर मुगल सम्राट अकबर ने कब्जा कर लिया और बाद में इस किले की मरम्मत करवाई थी। त्रिवेणी संगम के पास स्थित यह विशाल किला अकबर के विशाल किलों में से एक है।

खुसरो बाग
अतीत से जुड़े स्थलों कि जानकारी के लिए भी आप प्रयागराज स्थित खुसरो बाग की सैर करने आ सकते हैं। यह एक बहुत ही खूबसूरत बगीचा है जहां तीन मकबरो का घर भी है। इनको मुगल शैली में बनवाया गया था। इस जगह पर तीन मकबरे बने हुए है जिनमें एक उनकी पहली पत्नी शाह बेगम, उनके बड़े बेटे खुसरू मिर्जा और बेटी नितर बेगम के हैं। पत्थर पर की गई नक्काशी मुगल वास्तुकला के साथ यहां आने वाले लोगों को भी प्रभावित करती है।

आनंद भवन
सन् 1930 के दौरान इस भवन का निर्माण भारतीय नेता मोतीलाल नेहरू ने नेहरू परिवार के निवास स्थान के रूप में किया था। आप प्रयागराज आ कर यहां के आनंद भवन की सैर कर सकते है। इस भवन को एक महत्वपूर्ण संग्रहालय के रूप में जाना जाता है। यह भवन इंदिरा गांधी ने 1970 में भारतीय सरकार के हवाले कर दिया था।

ऑल सेंट्स कैथेड्रल
यह विशाल चर्च लगभग 1250 वर्ग मीटर का क्षेत्र में बना हुआ भारत की सबसे मुल्यवान इमारतों में से एक है। इस चर्च को सभी संतों ने कैथेड्रल अंग्रेजों द्वारा 1887 में पवित्र कर बनवाया गया था जो 4 साल बाद पूरा हुआ। इसके अलावा रानी विक्टोरिया को समर्पित चर्च परिसर में एक स्मारक भी शामिल है।

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